Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Mar 2021 · 1 min read

भ्रष्टाचारी आसान नहीं है

(ग़ज़ल/नज़्म — भ्रष्टाचारी आसान नहीं)
ये रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचारी का, काम बहुत आसान नहीं है,
मेहनत है दिन-रात की, दिलो-दिमाग में आराम नहीं है ।

जिस काम को लेता हूँ हाथ में, ईमानदारी से करता हूँ,
पर लोगों को लगता है जैसे, इसमें कोई ईमान नहीं है ।

मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, माथा टेकता हूँ आते-जाते,
मैं नहीं मानता के जग में, बसते कहीं भगवान नहीं हैं ।

लोगों से खुद को छुपाने में, अच्छी-खासी उम्र खपा दी,
सालों से अपने घर के मैंने, खोले खिड़की-ओ-रोशनदान नहीं हैं ।

ये सच है के जल्दी ही मैंने, तिजोरियाँ अपनी भर ली,
पर मेरे पसीने की बूंदों के, उनमें कहीं निशान नहीं है ।

मेरे शहर में मेरे इर्द-गिर्द, लोगों की भीड़ खूब लगने लगी,
पर उनमें से मेरा कोई, रिश्तेदार ओ’ मेहमान नहीं हैं ।

कितने मुंह उतरेंगे पढ़के तुझे, तू चीं-चीं क्यूं कर रहा “अनिल”,
रोक नहीं पाएगा किसी को, धन से तू बलवान नहीं है ।

©✍?14/03/2021
अनिल कुमार “अनिल”
9783597507,
9950538424,
anilk1604@gmail.com

1 Like · 1 Comment · 287 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार
View all
You may also like:
ईश्वर का
ईश्वर का "ह्यूमर" - "श्मशान वैराग्य"
Atul "Krishn"
वो शख्स लौटता नहीं
वो शख्स लौटता नहीं
Surinder blackpen
खूबसूरती
खूबसूरती
Ritu Asooja
"वो"
Dr. Kishan tandon kranti
Irritable Bowel Syndrome
Irritable Bowel Syndrome
Tushar Jagawat
(6) सूने मंदिर के दीपक की लौ
(6) सूने मंदिर के दीपक की लौ
Kishore Nigam
जीवन
जीवन
नन्दलाल सुथार "राही"
FUSION
FUSION
पूर्वार्थ
#शीर्षक:-तो क्या ही बात हो?
#शीर्षक:-तो क्या ही बात हो?
Pratibha Pandey
प्रेम प्रणय मधुमास का पल
प्रेम प्रणय मधुमास का पल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पति की खुशी ,लंबी उम्र ,स्वास्थ्य के लिए,
पति की खुशी ,लंबी उम्र ,स्वास्थ्य के लिए,
ओनिका सेतिया 'अनु '
23/05.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/05.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*रिमझिम-रिमझिम बूॅंदें बरसीं, गाते मेघ-मल्हार (गीत)*
*रिमझिम-रिमझिम बूॅंदें बरसीं, गाते मेघ-मल्हार (गीत)*
Ravi Prakash
14) “जीवन में योग”
14) “जीवन में योग”
Sapna Arora
बुरा वक्त
बुरा वक्त
लक्ष्मी सिंह
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
कवि रमेशराज
कहमुकरी
कहमुकरी
डॉ.सीमा अग्रवाल
गुज़िश्ता साल
गुज़िश्ता साल
Dr.Wasif Quazi
कन्या रूपी माँ अम्बे
कन्या रूपी माँ अम्बे
Kanchan Khanna
जड़ता है सरिस बबूल के, देती संकट शूल।
जड़ता है सरिस बबूल के, देती संकट शूल।
आर.एस. 'प्रीतम'
* खूब कीजिए प्यार *
* खूब कीजिए प्यार *
surenderpal vaidya
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
निकलती हैं तदबीरें
निकलती हैं तदबीरें
Dr fauzia Naseem shad
It All Starts With A SMILE
It All Starts With A SMILE
Natasha Stephen
कदम रोक लो, लड़खड़ाने लगे यदि।
कदम रोक लो, लड़खड़ाने लगे यदि।
Sanjay ' शून्य'
सुनो - दीपक नीलपदम्
सुनो - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी
ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी
अनिल कुमार
दिनाक़ 03/05/2024
दिनाक़ 03/05/2024
Satyaveer vaishnav
■रोज़ का ड्रामा■
■रोज़ का ड्रामा■
*Author प्रणय प्रभात*
मैंने जिसे लिखा था बड़ा देखभाल के
मैंने जिसे लिखा था बड़ा देखभाल के
Shweta Soni
Loading...