भारत माँ मुस्काई है ।
भारत माँ मुस्काई है ।
केसरिया घाटी महकी है
स्वर्ग भूमि हर्षाई है
ऋषि कश्यप की तपोभूमि पर
राष्ट्र ध्वजा लहराई है
भारत माँ मुस्काई है ।
घाटी में मचते तांडव से
वीरों के ताबूतों से
अब तक रोती रही सिसकती
भूल नहीं कुछ पाई है
भारत माँ मुस्काई है ।
सत्तर सालों से सहती सब
न्याय मांगती शीशों के
दर्द नहीं समझा था कोई
उर अन्तस की टीसों के
आज पुनः गर्वित है मस्तक
घड़ी सुहानी आई है
भारत माँ मुस्काई है ।
अमन चैन अब कायम होवे
रक्त पात की बात न हो
राष्ट्र धर्म हो मजहब केवल
बहके फिर जज़्बात न हों
करें सृजन नव काश्मीर का
स्वर्णिम वेला आई है
भारत माँ मुस्काई है ।
अनुराग दीक्षित