Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2024 · 1 min read

भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है

भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
चराग़ों की हवाओं से हिफ़ाज़त कौन करता है

उसूलों की बहुत सी बात करते हैं जहाँ में सब
उसूलों के लिए जाइज़ हिमायत कौन करता है

ज़रा सी बात पर इंसान सब रिश्ते भुला देता
यहाँ अपने किए पर अब नदामत कौन करता है

जिसे देखो उसे अपने ख़ज़ाने की ही फ़िक्रें हैं
ग़रीबों के निवालों की क़यादत कौन करता है

कहा बिल्कुल नहीं मैंने जहाँ सारा मुनाफ़िक़ है
मगर मज़लूम के हक़ में बग़ावत कौन करता है
~अंसार एटवी

1 Like · 140 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"दुखती रग.." हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
प्यार के ढाई अक्षर
प्यार के ढाई अक्षर
Juhi Grover
छुपा सच
छुपा सच
Mahender Singh
आखिरी वक्त में
आखिरी वक्त में
Harminder Kaur
शहर तुम्हारा है तुम खुश क्यूँ नहीं हो
शहर तुम्हारा है तुम खुश क्यूँ नहीं हो
©️ दामिनी नारायण सिंह
हमने कब कहा था , इंतजार नहीं करेंगे हम.....।।
हमने कब कहा था , इंतजार नहीं करेंगे हम.....।।
Buddha Prakash
स्वतंत्रता
स्वतंत्रता
Seema gupta,Alwar
*धन्य करें इस जीवन को हम, चलें अयोध्या धाम (गीत)*
*धन्य करें इस जीवन को हम, चलें अयोध्या धाम (गीत)*
Ravi Prakash
#विशेष_कर_राजनेता।।
#विशेष_कर_राजनेता।।
*प्रणय प्रभात*
मैं परमेश्वर की अमर कृति हूँ मेरा संबंध आदि से अद्यतन है। मै
मैं परमेश्वर की अमर कृति हूँ मेरा संबंध आदि से अद्यतन है। मै
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
3831.💐 *पूर्णिका* 💐
3831.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मेघाें को भी प्रतीक्षा रहती है सावन की।
मेघाें को भी प्रतीक्षा रहती है सावन की।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
आपकी अच्छाइयां बेशक अदृश्य हो सकती है!
आपकी अच्छाइयां बेशक अदृश्य हो सकती है!
Ranjeet kumar patre
बेअसर
बेअसर
SHAMA PARVEEN
छा जाओ आसमान की तरह मुझ पर
छा जाओ आसमान की तरह मुझ पर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
ख़्वाबों में तुम भले डूब जाओ...
ख़्वाबों में तुम भले डूब जाओ...
Ajit Kumar "Karn"
राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक
राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक "धूप के उजाले में" पर एक नजर
Paras Nath Jha
नौ वर्ष(नव वर्ष)
नौ वर्ष(नव वर्ष)
Satish Srijan
खींचो यश की लम्बी रेख।
खींचो यश की लम्बी रेख।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
अव्यक्त भाव को समझना ही अपनापन है और इस भावों को समझकर भी भु
अव्यक्त भाव को समझना ही अपनापन है और इस भावों को समझकर भी भु
Sanjay ' शून्य'
मन्नत के धागे
मन्नत के धागे
Dr. Mulla Adam Ali
When you strongly want to do something, you will find a way
When you strongly want to do something, you will find a way
पूर्वार्थ
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
*फूलों सा एक शहर हो*
*फूलों सा एक शहर हो*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रंग कैसे कैसे
रंग कैसे कैसे
Preeti Sharma Aseem
मां का महत्त्व
मां का महत्त्व
Mangilal 713
काव्य की आत्मा और सात्विक बुद्धि +रमेशराज
काव्य की आत्मा और सात्विक बुद्धि +रमेशराज
कवि रमेशराज
तिलक-विआह के तेलउँस खाना
तिलक-विआह के तेलउँस खाना
आकाश महेशपुरी
"रंग भर जाऊँ"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...