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21 Aug 2022 · 4 min read

” भयंकर यात्रा “

डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
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सुखद सफर आ दर्दनाक सफर जिंदगी क अनुभवक एकटा वृतांत होइत अछि ! सुखद सफर जिंदगी क किताब मे अधिकाशतः भेटइत रहैत अछि परंच कतो -कतो कोनो किताबक पृष्ट मे दर्द सँ भरल किस्सा पिहानी सहो नुकायल रहैत अछि ! हम भला 03 जनवरी 2009 क प्रातः काल केँ केना बिसरि सकैत छी ?
हम अपन धर्मपत्नी आशा झा केँ हुनकर नैहर शिबीपट्टी ,मधुबनी ,बिहार दिनांक 02 जनवरी 2009 प्रातः 5 बजे अपन मारुति 800 मे बैसा केँ चलि पड़लहूँ ! हमरा आशा छल जे दुमका ,झारखंड संध्या काल धरि पहुँचि जायब ! इ सफर 350 किलोमीटर क छल ! ओना 350 किलोमीटर क सफर नीक सड़क पर हुये त आइये 5 बजे संध्या धरि दुमका पहुँचि जेबाक निश्चित आशा रहैत !
चलि त पड़लहूँ मुदा चारो दिश कुहासा क चादरि पसरल छल ! शिबीपट्टी गाम सँ मधुबनी बाजार धरि रास्ता जर्जर भ चुकल छल ! इ 8 किलोमीटर क सफर बूझू 40 किलोमीटर क सफर भ गेल ! ओना सड़क नीक तरहें दिखा नहि रहल छल ! ठंडों बूझू आकाश ठेकल छल ! कुहासा क पानि केँ हटबक क लेल हम वाइपर चला रखने छलहूँ ! मधुबनी पहुँचैत -पहुँचैत कुहासा अपन घोंघ केँ समेटनाइ प्रारंभ क देने छल ! आ हमर मारुति कार पंडौल ,सकरी ,दरभंगा केँ छूबि -छूबि केँ मुसरीघरारी धरि पहुँचि गेल !
8 बजि गेल छल ! सूर्य क किरण हमरा लोकनिक किछु राहत द रहल छल ! कुहासा समाप्त भ रहल छल ! आशा केँ हम कहलियनि ,—
चलू ,कोनो होटल मे किछु जलपान क ली आ एक-एक कप चाय सहो पी लेल जाउ !”
आशा त अपन नैहर सँ किछु खा केँ नहि चलल छलीह ! हमरा सासुर क आग्रह पर नाम मात्र दही -चूड़ा खाय पडल ! हमरा त मात्र चाय पीबाक छल ! ताइयो आशा क सँग देबाक क लेल हमहूँ किछु खेलहूँ आ चाय पीलहूँ !
मुसरीघरारी सँ समस्तीपुर क सड़क ओतैक नीक नहि छल त कोनो खराबो नहि छल ! तथापि समस्तीपुर बाजार पहुँचि केँ हमरा जाम सँ साक्षात दर्शन भ गेल ! कोनो तरहें छूटलहूँ त समस्तीपुर सँ बेगूसराय 0 माइल धरि खराब सड़क क सामना करय पड़ल ! मारुति क रफ्तार कम भ गेल ! आशा रहि -रहि हिदायत दैत छलीह ,—
“ देखू ,गाड़ी सम्हारि केँ चलाउ ! देर भ जाय त कोनो बात नहि !”
“ हाँ …हाँ ,हमहूँ इएह सोचि रहल छी “ –हम जवाब देलियनि !
कनि-कनि , मीठ -मीठ हमर पेट मे दर्द भ रहल छल ! अपन बेल्ट केँ हम ढीला केलहूँ आ टाइ केँ सहो हम खोलि लेलहूँ ! हमसब 2.35.बजे दुपहरिया मे बेगूसराय 0 माइल पहुँचि गेलहूँ ! ठीक एक- एक घंटा मे हमर ससुर सँ फोन आबि जाइत छल ! वोहि समय मे हमरा लग एक छोट सन नोकिया मोबाईल छल ! हमर आदत इएह छल जे कियो हमरा फोन गाड़ी चलबैत काल करताह त हम अपन गाड़ी केँ रोकि हुनका सँ गप्प करैत छलहूँ ! 10 मिनट ओहिठाम रुकलहूँ आ बाद मे हम लेफ्ट टर्न लेलहूँ आ भागलपुर दिश प्रस्थान केलहूँ !
अतिवृष्टि आ भारी वाहन क दुष्प्रभाव सँ बेगूसराय सँ भागलपुर धरि सड़क क सहो हालत दयनीय छल ! खगड़िया आ महेशखूँट पहुँचैत -पहुँचैत साँझ क 5 बाजि गेल ! जाड़ क समय छल ! सूर्य क लालिमा समाप्त भ रहल छल ! नौगछिया पहुँचैत बहुत अन्हार भ गेल छल ! वस्तुतः जेयबा काल हम देवघर ,जमुई आ राजेन्द्रपुल देने मधुबनी गेल रहि ! इ दोसर रास्ते क स्थिति क अनुमान नहि छल ! आइ 02 तारीख अछि आ हमलोकनि एहिठाम छी !
राति अन्हार भ गेल छल ! इ सड़क हाई- वे सोझे पूर्णिया आ असम दिश निकलि जाइत अछि ! हमरा दहिन टर्न भागलपुर पुल क लेल लेबाक छल ! स्ट्रीट लाइट कतो नहि छल ! धुंध मे किछु नजरि नहि आबि रहल छल ! परिणाम स्वरूप हमर मारुति भागलपुर पुल केँ छोड़ि पूर्णिया की दिश चलि पड़ल ! प्रायः 20 किलोमीटर क बाद हमरा एकटा पुल भेटल जे भागलपुर क रास्ते मे नहि हेबाक चाहि ! तें हम अपन मारुति केँ रोकलहूँ आ एकटा ट्रक केँ रोकि केँ ओकरा पूछलहूँ ,——–
“ भागलपुर वाला पुल आखिर कतए छूटि गेल ?
ट्रक क ड्राइवर कहलक ,—–
“ वो त बहुत पाछू रहि गेल सरकार ! आहाँ त पूर्णिया दिश जा रहल छी !”
एतबा सुनैत मारुति केँ वापस घूमेलहूँ आ पुनः 20 किलोमीटर क बाद हमरा भागलपुर वला पुल भेटल !
भागलपुर रेल्वे ओवरब्रिज सँ बैजानी धरि रोड क निर्माण चलि रहल छल ! आधा मे निर्माणकार्य राति मे भ रहल छल आ आधा सड़क पर पैघ जाम लागल छल ! गोरहट्टा चौक ओवरब्रिज मात्र एक किलो मीटर छल ! एतय धरि पहुँचय मे 2 घंटा लागि गेल ! एहिठाम हमरा सबकें 10 बाजि गेल छल ! जाड़ क हाल नहि पूछू ! थरथरी लागल छल ! केहुना तरहें गोरहट्टा पेट्रोल पम्प मे पेट्रोल लेलहूँ ! आशा बारम्बार कहि रहल छलीह ,—
“ राति भ रहल अछि ,चलू कतो होटल मे रुकि जाय !”
मुदा हम हुनका कहलियनि ,—-
“ आब दुमका मात्र 3 घंटा क सफर थीक ! चलू ,ओहिठाम आराम करब !”
भागलपुर सँ दुमका क बीच मे प्रायः 10 टाबे डीवर्शन बनल छल ! सब पुल क कार्य चलि रहल छल ! सम्पूर्ण रास्ता ध्वस्त पड़ल छल ! नींद सहो सता रहल छल ! सबतरि गरदा आ धूलकण उड़ि रहल छल ! रास्ता धूमिल भ गेल ! स्ट्रीट लाइट कतो नहि छल ! आब त तारीख सहो बदलि गेल ! 3 तारीख भ गेल ! समय बीतल ! राति भर मारुति केँ खींचैत रहलहूँ ! हँसड़िहा झारखंड त आबि गेलहूँ ! नोनिहाट आ बारापलासी पार केलहूँ !
ठीक भोर 3 बजे 10 किलोमीटर दुमका सँ दूर रहि ! लागल आब त पहुँचि गेलहूँ ! आशा सूति रहल छलीह ! लकड़ापहाड़ी मे ट्रक क कतार आबि रहल छल ! पता नहि की भेल ? छह चक्का वाला ट्रक आबि हमरा ठोकि देलक ! गाड़ी चकना चूर भ गेल ! आशा जख्मी भ गेलीह ! नाक सँ शोणित बहय लगलनि ! हम हुनक उपचार मे लगलहूँ आ ताहि अवसर देखि राति क सन्नाटा मे ट्रक वाला भागि गेल ! हमरा मुँह सँ किछु बात नहि निकलि रहल छल ! बहुत देरक बाद फोन केलहूँ लटपटायाल आवाज मे ! दुमका सँ अविनाश हमर मित्र क बालक आ हुनक भूषण ड्राइवर आयल आ अपन गाड़ी सँ दुमका ल गेल ! इ भयंकर यात्रा केँ जखन याद करैत छी त सम्पूर्ण देह सिहरि उठइत अछि !
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डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस .पी .कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत
21.08.2022

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