Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Aug 2022 · 4 min read

” भयंकर यात्रा “

डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
======================
सुखद सफर आ दर्दनाक सफर जिंदगी क अनुभवक एकटा वृतांत होइत अछि ! सुखद सफर जिंदगी क किताब मे अधिकाशतः भेटइत रहैत अछि परंच कतो -कतो कोनो किताबक पृष्ट मे दर्द सँ भरल किस्सा पिहानी सहो नुकायल रहैत अछि ! हम भला 03 जनवरी 2009 क प्रातः काल केँ केना बिसरि सकैत छी ?
हम अपन धर्मपत्नी आशा झा केँ हुनकर नैहर शिबीपट्टी ,मधुबनी ,बिहार दिनांक 02 जनवरी 2009 प्रातः 5 बजे अपन मारुति 800 मे बैसा केँ चलि पड़लहूँ ! हमरा आशा छल जे दुमका ,झारखंड संध्या काल धरि पहुँचि जायब ! इ सफर 350 किलोमीटर क छल ! ओना 350 किलोमीटर क सफर नीक सड़क पर हुये त आइये 5 बजे संध्या धरि दुमका पहुँचि जेबाक निश्चित आशा रहैत !
चलि त पड़लहूँ मुदा चारो दिश कुहासा क चादरि पसरल छल ! शिबीपट्टी गाम सँ मधुबनी बाजार धरि रास्ता जर्जर भ चुकल छल ! इ 8 किलोमीटर क सफर बूझू 40 किलोमीटर क सफर भ गेल ! ओना सड़क नीक तरहें दिखा नहि रहल छल ! ठंडों बूझू आकाश ठेकल छल ! कुहासा क पानि केँ हटबक क लेल हम वाइपर चला रखने छलहूँ ! मधुबनी पहुँचैत -पहुँचैत कुहासा अपन घोंघ केँ समेटनाइ प्रारंभ क देने छल ! आ हमर मारुति कार पंडौल ,सकरी ,दरभंगा केँ छूबि -छूबि केँ मुसरीघरारी धरि पहुँचि गेल !
8 बजि गेल छल ! सूर्य क किरण हमरा लोकनिक किछु राहत द रहल छल ! कुहासा समाप्त भ रहल छल ! आशा केँ हम कहलियनि ,—
चलू ,कोनो होटल मे किछु जलपान क ली आ एक-एक कप चाय सहो पी लेल जाउ !”
आशा त अपन नैहर सँ किछु खा केँ नहि चलल छलीह ! हमरा सासुर क आग्रह पर नाम मात्र दही -चूड़ा खाय पडल ! हमरा त मात्र चाय पीबाक छल ! ताइयो आशा क सँग देबाक क लेल हमहूँ किछु खेलहूँ आ चाय पीलहूँ !
मुसरीघरारी सँ समस्तीपुर क सड़क ओतैक नीक नहि छल त कोनो खराबो नहि छल ! तथापि समस्तीपुर बाजार पहुँचि केँ हमरा जाम सँ साक्षात दर्शन भ गेल ! कोनो तरहें छूटलहूँ त समस्तीपुर सँ बेगूसराय 0 माइल धरि खराब सड़क क सामना करय पड़ल ! मारुति क रफ्तार कम भ गेल ! आशा रहि -रहि हिदायत दैत छलीह ,—
“ देखू ,गाड़ी सम्हारि केँ चलाउ ! देर भ जाय त कोनो बात नहि !”
“ हाँ …हाँ ,हमहूँ इएह सोचि रहल छी “ –हम जवाब देलियनि !
कनि-कनि , मीठ -मीठ हमर पेट मे दर्द भ रहल छल ! अपन बेल्ट केँ हम ढीला केलहूँ आ टाइ केँ सहो हम खोलि लेलहूँ ! हमसब 2.35.बजे दुपहरिया मे बेगूसराय 0 माइल पहुँचि गेलहूँ ! ठीक एक- एक घंटा मे हमर ससुर सँ फोन आबि जाइत छल ! वोहि समय मे हमरा लग एक छोट सन नोकिया मोबाईल छल ! हमर आदत इएह छल जे कियो हमरा फोन गाड़ी चलबैत काल करताह त हम अपन गाड़ी केँ रोकि हुनका सँ गप्प करैत छलहूँ ! 10 मिनट ओहिठाम रुकलहूँ आ बाद मे हम लेफ्ट टर्न लेलहूँ आ भागलपुर दिश प्रस्थान केलहूँ !
अतिवृष्टि आ भारी वाहन क दुष्प्रभाव सँ बेगूसराय सँ भागलपुर धरि सड़क क सहो हालत दयनीय छल ! खगड़िया आ महेशखूँट पहुँचैत -पहुँचैत साँझ क 5 बाजि गेल ! जाड़ क समय छल ! सूर्य क लालिमा समाप्त भ रहल छल ! नौगछिया पहुँचैत बहुत अन्हार भ गेल छल ! वस्तुतः जेयबा काल हम देवघर ,जमुई आ राजेन्द्रपुल देने मधुबनी गेल रहि ! इ दोसर रास्ते क स्थिति क अनुमान नहि छल ! आइ 02 तारीख अछि आ हमलोकनि एहिठाम छी !
राति अन्हार भ गेल छल ! इ सड़क हाई- वे सोझे पूर्णिया आ असम दिश निकलि जाइत अछि ! हमरा दहिन टर्न भागलपुर पुल क लेल लेबाक छल ! स्ट्रीट लाइट कतो नहि छल ! धुंध मे किछु नजरि नहि आबि रहल छल ! परिणाम स्वरूप हमर मारुति भागलपुर पुल केँ छोड़ि पूर्णिया की दिश चलि पड़ल ! प्रायः 20 किलोमीटर क बाद हमरा एकटा पुल भेटल जे भागलपुर क रास्ते मे नहि हेबाक चाहि ! तें हम अपन मारुति केँ रोकलहूँ आ एकटा ट्रक केँ रोकि केँ ओकरा पूछलहूँ ,——–
“ भागलपुर वाला पुल आखिर कतए छूटि गेल ?
ट्रक क ड्राइवर कहलक ,—–
“ वो त बहुत पाछू रहि गेल सरकार ! आहाँ त पूर्णिया दिश जा रहल छी !”
एतबा सुनैत मारुति केँ वापस घूमेलहूँ आ पुनः 20 किलोमीटर क बाद हमरा भागलपुर वला पुल भेटल !
भागलपुर रेल्वे ओवरब्रिज सँ बैजानी धरि रोड क निर्माण चलि रहल छल ! आधा मे निर्माणकार्य राति मे भ रहल छल आ आधा सड़क पर पैघ जाम लागल छल ! गोरहट्टा चौक ओवरब्रिज मात्र एक किलो मीटर छल ! एतय धरि पहुँचय मे 2 घंटा लागि गेल ! एहिठाम हमरा सबकें 10 बाजि गेल छल ! जाड़ क हाल नहि पूछू ! थरथरी लागल छल ! केहुना तरहें गोरहट्टा पेट्रोल पम्प मे पेट्रोल लेलहूँ ! आशा बारम्बार कहि रहल छलीह ,—
“ राति भ रहल अछि ,चलू कतो होटल मे रुकि जाय !”
मुदा हम हुनका कहलियनि ,—-
“ आब दुमका मात्र 3 घंटा क सफर थीक ! चलू ,ओहिठाम आराम करब !”
भागलपुर सँ दुमका क बीच मे प्रायः 10 टाबे डीवर्शन बनल छल ! सब पुल क कार्य चलि रहल छल ! सम्पूर्ण रास्ता ध्वस्त पड़ल छल ! नींद सहो सता रहल छल ! सबतरि गरदा आ धूलकण उड़ि रहल छल ! रास्ता धूमिल भ गेल ! स्ट्रीट लाइट कतो नहि छल ! आब त तारीख सहो बदलि गेल ! 3 तारीख भ गेल ! समय बीतल ! राति भर मारुति केँ खींचैत रहलहूँ ! हँसड़िहा झारखंड त आबि गेलहूँ ! नोनिहाट आ बारापलासी पार केलहूँ !
ठीक भोर 3 बजे 10 किलोमीटर दुमका सँ दूर रहि ! लागल आब त पहुँचि गेलहूँ ! आशा सूति रहल छलीह ! लकड़ापहाड़ी मे ट्रक क कतार आबि रहल छल ! पता नहि की भेल ? छह चक्का वाला ट्रक आबि हमरा ठोकि देलक ! गाड़ी चकना चूर भ गेल ! आशा जख्मी भ गेलीह ! नाक सँ शोणित बहय लगलनि ! हम हुनक उपचार मे लगलहूँ आ ताहि अवसर देखि राति क सन्नाटा मे ट्रक वाला भागि गेल ! हमरा मुँह सँ किछु बात नहि निकलि रहल छल ! बहुत देरक बाद फोन केलहूँ लटपटायाल आवाज मे ! दुमका सँ अविनाश हमर मित्र क बालक आ हुनक भूषण ड्राइवर आयल आ अपन गाड़ी सँ दुमका ल गेल ! इ भयंकर यात्रा केँ जखन याद करैत छी त सम्पूर्ण देह सिहरि उठइत अछि !
======================
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस .पी .कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत
21.08.2022

274 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
4862.*पूर्णिका*
4862.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यूँ तो बिखरे हैं
यूँ तो बिखरे हैं
हिमांशु Kulshrestha
वक्त का तकाजा हैं की,
वक्त का तकाजा हैं की,
Manisha Wandhare
फूल चुन रही है
फूल चुन रही है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
अदा बोलती है...
अदा बोलती है...
अश्क चिरैयाकोटी
प्रश्न करे जब पत्रकार तो
प्रश्न करे जब पत्रकार तो
Dhirendra Singh
प्रेम।की दुनिया
प्रेम।की दुनिया
भरत कुमार सोलंकी
गर तहज़ीब हो मिट्टी सी
गर तहज़ीब हो मिट्टी सी
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
जीवन की निरंतरता
जीवन की निरंतरता
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
" रावन नइ मरय "
Dr. Kishan tandon kranti
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*ठाकुरद्वारा मंदिर/पंडित मुनीश्वर दत्त मंदिर में दर्शनों का
*ठाकुरद्वारा मंदिर/पंडित मुनीश्वर दत्त मंदिर में दर्शनों का
Ravi Prakash
Uljhane bahut h , jamane se thak jane ki,
Uljhane bahut h , jamane se thak jane ki,
Sakshi Tripathi
तू मेरे ख्वाब में एक रात को भी आती अगर
तू मेरे ख्वाब में एक रात को भी आती अगर
Phool gufran
जिसको दिल में जगह देना मुश्किल बहुत।
जिसको दिल में जगह देना मुश्किल बहुत।
सत्य कुमार प्रेमी
बुझे अलाव की
बुझे अलाव की
Atul "Krishn"
रक्षाबंधन एक बहन का एक भाई के प्रति सुरक्षा चक्र और विश्वास
रक्षाबंधन एक बहन का एक भाई के प्रति सुरक्षा चक्र और विश्वास
Rj Anand Prajapati
हे कृष्णा
हे कृष्णा
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
इतना भी ख़ुद में कोई शाद अकेला न रहे,
इतना भी ख़ुद में कोई शाद अकेला न रहे,
Dr fauzia Naseem shad
नीलम शर्मा ✍️
नीलम शर्मा ✍️
Neelam Sharma
नववर्ष
नववर्ष
Neeraj Agarwal
।।
।।
*प्रणय*
सत्य की खोज
सत्य की खोज
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ताउम्र करना पड़े पश्चाताप
ताउम्र करना पड़े पश्चाताप
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आँखों में रहा दिल में उतरकर नहीं देखा,
आँखों में रहा दिल में उतरकर नहीं देखा,
पूर्वार्थ
लाल उठो!!
लाल उठो!!
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
अमीर
अमीर
Punam Pande
यें सारे तजुर्बे, तालीम अब किस काम का
यें सारे तजुर्बे, तालीम अब किस काम का
Keshav kishor Kumar
उसने  कहा जो कुछ  तो   पहले वो
उसने कहा जो कुछ तो पहले वो
shabina. Naaz
सीता ढूँढे राम को,
सीता ढूँढे राम को,
sushil sarna
Loading...