*बोली ऐसी बोलिए, चुभे न कोई बात (कुंडलिया)*
बोली ऐसी बोलिए, चुभे न कोई बात (कुंडलिया)
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बोली ऐसी बोलिए, चुभे न कोई बात
बढ़कर यह तलवार से, करती है आघात
करती है आघात, नहीं फिर भूली जाती
भर जाते हैं घाव, बात शाश्वतता पाती
कहते रवि कविराय, बुरी उपहास-ठिठोली
बुरी कर्कशा जीभ,बुरी कटु होती बोली
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451