Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Nov 2023 · 1 min read

सारा जीवन बीत गया

आने की जब खबर मिली थी, तोरण द्वार सजाये थे
सारे जग में हो उजियारा, इतने दीप जलाये थे
और भला क्या क्या बतलाऊँ कितने ख्वाब सजाये थे
ख्वाबों में हमने न जाने कितने महल बनाये थे

कितनी धुन हमने जोड़ी थी, व्यर्थ सारा संगीत गया
राह तुम्हारी तकते तकते सारा जीवन बीत गया

✍️Abhishek Kumar Dubey

88 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कालः  परिवर्तनीय:
कालः परिवर्तनीय:
Bhupendra Rawat
मातु शारदे वंदना
मातु शारदे वंदना
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
*आओ-आओ इस तरह, अद्भुत मधुर वसंत ( कुंडलिया )*
*आओ-आओ इस तरह, अद्भुत मधुर वसंत ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
उलझन से जुझनें की शक्ति रखें
उलझन से जुझनें की शक्ति रखें
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
2356.पूर्णिका
2356.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
...........,,
...........,,
शेखर सिंह
समझदारी का न करे  ,
समझदारी का न करे ,
Pakhi Jain
मेरी फितरत है, तुम्हें सजाने की
मेरी फितरत है, तुम्हें सजाने की
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जिंदगी एक भंवर है
जिंदगी एक भंवर है
Harminder Kaur
आज वो भी भारत माता की जय बोलेंगे,
आज वो भी भारत माता की जय बोलेंगे,
Minakshi
साहिल के समंदर दरिया मौज,
साहिल के समंदर दरिया मौज,
Sahil Ahmad
Life is like party. You invite a lot of people. Some leave e
Life is like party. You invite a lot of people. Some leave e
पूर्वार्थ
एक शे'र
एक शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
क्यों तुमने?
क्यों तुमने?
Dr. Meenakshi Sharma
गुरू शिष्य का संबन्ध
गुरू शिष्य का संबन्ध
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
तन तो केवल एक है,
तन तो केवल एक है,
sushil sarna
भ्रष्टाचार ने बदल डाला
भ्रष्टाचार ने बदल डाला
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
इश्क की पहली शर्त
इश्क की पहली शर्त
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
तारों जैसी आँखें ,
तारों जैसी आँखें ,
SURYA PRAKASH SHARMA
* लोकतंत्र महान है *
* लोकतंत्र महान है *
surenderpal vaidya
*इस बरस*
*इस बरस*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
"जागो"
Dr. Kishan tandon kranti
कसूर उनका नहीं मेरा ही था,
कसूर उनका नहीं मेरा ही था,
Vishal babu (vishu)
समर्पित बनें, शरणार्थी नहीं।
समर्पित बनें, शरणार्थी नहीं।
Sanjay ' शून्य'
ज़िंदगी में बेहतर
ज़िंदगी में बेहतर
Dr fauzia Naseem shad
स्वयंभू
स्वयंभू
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*वो बीता हुआ दौर नजर आता है*(जेल से)
*वो बीता हुआ दौर नजर आता है*(जेल से)
Dushyant Kumar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
दूर अब न रहो पास आया करो,
दूर अब न रहो पास आया करो,
Vindhya Prakash Mishra
@ !!
@ !! "हिम्मत की डोर" !!•••••®:
Prakhar Shukla
Loading...