Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Mar 2024 · 1 min read

दिल में रह जाते हैं

दिल में रह जाते हैं
याद रखने के कहां होते हैं।
कुछ इंसान भी दुनिया में
फ़रिश्ते की तरह होते हैं।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
6 Likes · 42 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
श्रीराम गिलहरी संवाद अष्टपदी
श्रीराम गिलहरी संवाद अष्टपदी
SHAILESH MOHAN
आज की बेटियां
आज की बेटियां
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
डायरी भर गई
डायरी भर गई
Dr. Meenakshi Sharma
प्रणय 4
प्रणय 4
Ankita Patel
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
बिखरे ख़्वाबों को समेटने का हुनर रखते है,
बिखरे ख़्वाबों को समेटने का हुनर रखते है,
डी. के. निवातिया
खुले लोकतंत्र में पशु तंत्र ही सबसे बड़ा हथियार है
खुले लोकतंत्र में पशु तंत्र ही सबसे बड़ा हथियार है
प्रेमदास वसु सुरेखा
पुर-नूर ख़यालों के जज़्तबात तेरी बंसी।
पुर-नूर ख़यालों के जज़्तबात तेरी बंसी।
Neelam Sharma
ट्यूशन उद्योग
ट्यूशन उद्योग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
2813. *पूर्णिका*
2813. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"अंतिम-सत्य..!"
Prabhudayal Raniwal
मोहब्बत का वो तोहफ़ा मैंने संभाल कर रखा है
मोहब्बत का वो तोहफ़ा मैंने संभाल कर रखा है
Rekha khichi
रिश्ते बनाना आसान है
रिश्ते बनाना आसान है
shabina. Naaz
जुनून
जुनून
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
The Sound of Silence
The Sound of Silence
पूर्वार्थ
चमकते सूर्य को ढलने न दो तुम
चमकते सूर्य को ढलने न दो तुम
कृष्णकांत गुर्जर
बदलने लगते है लोगो के हाव भाव जब।
बदलने लगते है लोगो के हाव भाव जब।
Rj Anand Prajapati
“ बधाई आ शुभकामना “
“ बधाई आ शुभकामना “
DrLakshman Jha Parimal
"डर"
Dr. Kishan tandon kranti
युद्ध के विरुद्ध कुंडलिया
युद्ध के विरुद्ध कुंडलिया
Ravi Prakash
कुंडलिया ....
कुंडलिया ....
sushil sarna
हिंदी शायरी संग्रह
हिंदी शायरी संग्रह
श्याम सिंह बिष्ट
प्रभु रामलला , फिर मुस्काये!
प्रभु रामलला , फिर मुस्काये!
Kuldeep mishra (KD)
*मौसम बदल गया*
*मौसम बदल गया*
Shashi kala vyas
लफ़्ज़ों में हमनें
लफ़्ज़ों में हमनें
Dr fauzia Naseem shad
मुक्तक-विन्यास में एक तेवरी
मुक्तक-विन्यास में एक तेवरी
कवि रमेशराज
बात बनती हो जहाँ,  बात बनाए रखिए ।
बात बनती हो जहाँ, बात बनाए रखिए ।
Rajesh Tiwari
हम पचास के पार
हम पचास के पार
Sanjay Narayan
जाने कैसे दौर से गुजर रहा हूँ मैं,
जाने कैसे दौर से गुजर रहा हूँ मैं,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
Loading...