Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jul 2022 · 1 min read

बैताल भी मैं हूँ

सुन,बिक्रम भी मैं और बैताल भी मैं हूँ
हर सधे हूए जवाब का सवाल भी मैं हूँ ।
इस तरह हैरान मत हो मेरी फितरत पे
यारों उस क़ुदरत का कमाल भी मैं हूँ ।
अपनी कामयाबियों पे फ़क़्र करनेवाला
बेहतरीन बेवकूफ औ बेमिसाल भी मैं हूँ ।
दौर बदला है दिनोईमान के साथ साथ ही
बेहद खुदगर्ज अमीर और कंगाल भी मैं हूँ।
तारीख ने करी है तिज़ारत मेरे हुनर का
,वक्त,माज़ी,मुस्तकबिल और हाल भी मैं हूँ।
ज़िंदगी,ज़िंदादिली,जहालत जन्नत या जहन्नुम
और अजय आजकल जी का जंजाल भी मैं हूँ ।
-अजय प्रसाद

Language: Hindi
1 Like · 235 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*ज़िंदगी का सफर*
*ज़िंदगी का सफर*
sudhir kumar
बचपन -- फिर से ???
बचपन -- फिर से ???
Manju Singh
तन से अपने वसन घटाकर
तन से अपने वसन घटाकर
Suryakant Dwivedi
✒️कलम की अभिलाषा✒️
✒️कलम की अभिलाषा✒️
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
कौन सोचता बोलो तुम ही...
कौन सोचता बोलो तुम ही...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Yado par kbhi kaha pahra hota h.
Yado par kbhi kaha pahra hota h.
Sakshi Tripathi
#अज्ञानी_की_कलम
#अज्ञानी_की_कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
गहरे ध्यान में चले गए हैं,पूछताछ से बचकर।
गहरे ध्यान में चले गए हैं,पूछताछ से बचकर।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"अन्दर ही अन्दर"
Dr. Kishan tandon kranti
3355.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3355.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
बात खो गई
बात खो गई
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
#क़ता (मुक्तक)
#क़ता (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
तू मेरे सपनो का राजा तू मेरी दिल जान है
तू मेरे सपनो का राजा तू मेरी दिल जान है
कृष्णकांत गुर्जर
*वर्षा लेकर आ गई ,प्रिय की पावन याद(कुंडलिया)*
*वर्षा लेकर आ गई ,प्रिय की पावन याद(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बाल कविता: चूहा
बाल कविता: चूहा
Rajesh Kumar Arjun
झंझा झकोरती पेड़ों को, पर्वत निष्कम्प बने रहते।
झंझा झकोरती पेड़ों को, पर्वत निष्कम्प बने रहते।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
सच तो तस्वीर,
सच तो तस्वीर,
Neeraj Agarwal
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
भुला भुला कर के भी नहीं भूल पाओगे,
भुला भुला कर के भी नहीं भूल पाओगे,
Buddha Prakash
मोहमाया के जंजाल में फंसकर रह गया है इंसान
मोहमाया के जंजाल में फंसकर रह गया है इंसान
Rekha khichi
समय और स्त्री
समय और स्त्री
Madhavi Srivastava
दुःख इस बात का नहीं के तुमने बुलाया नहीं........
दुःख इस बात का नहीं के तुमने बुलाया नहीं........
shabina. Naaz
हम संभलते है, भटकते नहीं
हम संभलते है, भटकते नहीं
Ruchi Dubey
मेखला धार
मेखला धार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जो कभी सबके बीच नहीं रहे वो समाज की बात कर रहे हैं।
जो कभी सबके बीच नहीं रहे वो समाज की बात कर रहे हैं।
राज वीर शर्मा
12, कैसे कैसे इन्सान
12, कैसे कैसे इन्सान
Dr Shweta sood
..............
..............
शेखर सिंह
अपने हुए पराए लाखों जीवन का यही खेल है
अपने हुए पराए लाखों जीवन का यही खेल है
प्रेमदास वसु सुरेखा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Loading...