Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Oct 2024 · 1 min read

बेतरतीब

स्वार्थ से एकदम परे
मूल और कूल
ना बनावट के उसूल
ना भूलभुलैया कुबूल
यानी बेतरतीब चीजें
सारे सलीके को
फिर दूर खड़े रहने दीजे।

जैसे सुदूर जंगलों में
रहने वाले लोग
अपनी मर्जी से
बहने वाली नदियाँ
खेतों के मेढ़ों में उगे
टेढ़े- मेढ़े पेड़
बाड़ी से लाई गई
बेतरतीब रखी सब्जियाँ
गॉंव के सकरे रास्ते
जिसमें गुजर गई सदियाँ।

ये हमेशा सरल वो सीधे
सच्चे और अच्छे होते हैं
तभी तो देहात के लोग
बड़े मजे में बिन्दास जीते हैं।

(मेरी सप्तम काव्य-कृति : ‘सतरंगी बस्तर’ से..)

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
साहित्य और लेखन के लिए
लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त।

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 51 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

ग़ज़ल (जब भी मेरे पास वो आया करता था..)
ग़ज़ल (जब भी मेरे पास वो आया करता था..)
डॉक्टर रागिनी
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
Ravi Prakash
लालच
लालच
Vishnu Prasad 'panchotiya'
सुबह सुबह की चाय
सुबह सुबह की चाय
Neeraj Agarwal
"यह सही नहीं है"
Ajit Kumar "Karn"
कलम दवात
कलम दवात
Sudhir srivastava
क्या घबराना ...
क्या घबराना ...
Meera Thakur
*स्पंदन को वंदन*
*स्पंदन को वंदन*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"उस खत को"
Dr. Kishan tandon kranti
फुटपाथों का बचपन
फुटपाथों का बचपन
श्रीकृष्ण शुक्ल
गीत मेरे जब ख्वाबों में
गीत मेरे जब ख्वाबों में
इंजी. संजय श्रीवास्तव
वैज्ञानिक प्रबंधन की कहानी
वैज्ञानिक प्रबंधन की कहानी
विक्रम सिंह
चाहे कुछ भी हो अंजाम
चाहे कुछ भी हो अंजाम
Abasaheb Sarjerao Mhaske
👩‍🌾कृषि दिवस👨‍🌾
👩‍🌾कृषि दिवस👨‍🌾
Dr. Vaishali Verma
हर हाल मे,जिंदा ये रवायत रखना।
हर हाल मे,जिंदा ये रवायत रखना।
पूर्वार्थ
कुंडलिया ....
कुंडलिया ....
sushil sarna
वाह क्या खूब है मौहब्बत में अदाकारी तेरी।
वाह क्या खूब है मौहब्बत में अदाकारी तेरी।
Phool gufran
" दिखावा "
ज्योति
कमी नहीं
कमी नहीं
Dr fauzia Naseem shad
बच्छर म एक घंव
बच्छर म एक घंव
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
प्यारी लगती है मुझे तेरी दी हुई हर निशानी,
प्यारी लगती है मुझे तेरी दी हुई हर निशानी,
Jyoti Roshni
अहाना छंद बुंदेली
अहाना छंद बुंदेली
Subhash Singhai
सच तो ये भी है
सच तो ये भी है
शेखर सिंह
कि लड़का अब मैं वो नहीं
कि लड़का अब मैं वो नहीं
The_dk_poetry
माइल है दर्दे-ज़ीस्त,मिरे जिस्मो-जाँ के बीच
माइल है दर्दे-ज़ीस्त,मिरे जिस्मो-जाँ के बीच
Sarfaraz Ahmed Aasee
जो हमारा है वो प्यारा है।
जो हमारा है वो प्यारा है।
Rj Anand Prajapati
श्यामा मेरे...
श्यामा मेरे...
meenu yadav
#लघु_व्यंग्य
#लघु_व्यंग्य
*प्रणय*
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
Loading...