बेटी का घर बसने देती ही नहीं मां,
बेटी का घर बसने देती ही नहीं मां,
बसने से पहले खूब दखलंदाज़ी करती मां,
होती हैं आजकल की कैसी-कैसी ये मां,
हो जाते ये सोच-सोचकर हम बहुत ही परेशां!
…. अजित कर्ण ✍️
बेटी का घर बसने देती ही नहीं मां,
बसने से पहले खूब दखलंदाज़ी करती मां,
होती हैं आजकल की कैसी-कैसी ये मां,
हो जाते ये सोच-सोचकर हम बहुत ही परेशां!
…. अजित कर्ण ✍️