Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2023 · 1 min read

वीर वैभव श्रृंगार हिमालय🏔️☁️🌄🌥️

वीर वैभव श्रृंगार हिमालय
⛰️🌥️🏞️🌺🌹🌄⛈️

हिमालय की रमणीय वादियॉ
हरी भरी स्वच्छ पर्यावरणीय

वैभव वीर हिम श्रृंगार हिमालय
मां भारती का पहरेदार हिमालय

ऊचे ऊंचे वृक्ष राज देवदार
नीचे तरकश तीर चीड़ प्रहरी

अनोखे झाड़ पात रंग बिरंगे
बिच्छू बूटी ज़हर झाड़ फानूस

भालू बाघ बन्दर चीता सिंह
तेंदुआ अजगर नाग विषैले

इनके वीर योद्धा सेवादार
दुश्मन पर रखता अचूक निगाह

अडिग अचल अभेद्य पर्वतराज
अस्त्र वस्त्र आभूषण हिम मुकुट

पाषाण महल की रक्षा करता
सिंहासन पर बैठे वर्फ राजा

आश्रितों की आशाओं पर
समर समीर वर्फीली शीतलता

घाटी में जीवन शैली दर्शाता
गिरिराज का हिम श्रृंगार एक

चिरास्मरण परिदृश्य बनाता
सांझ उषा के आलिंगन से

विरह नहीं मिलन का होता
चांदी सी मुख तेरी सोने सी

बाल ऐसी रूप श्रृंगार है तेरा
जिसे देख जन होते निहाल

स्पर्श मात्र से धन्य धन्य होने
आकर्षित सैलानी दौड़े आते

अर्थ प्रभाव बल आस पास
जीवन स्तर में होता उछाल

सीढ़ीनुमा खेतों की क्यारी
दिखती गले नागो की माला

गिरिराज नें समतल सरपट
पठारों पर बनता जन बसेरा

छोटी बडी पर्वत श्रृंखला जो
पर्यटक आराम सकून बसेरा

जन ज़हान दिलों में बसता
वीर वैभव श्रृंगारित हिमालय

वैभव विशाल स्वर्ण मुकुट सी
भारत वीर सरताज हिमालय
गौरव वीर श्रृंगार हिमालय

तारकेशवर प्रसाद तरुण

4 Likes · 204 Views
Books from तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
View all

You may also like these posts

राग दरबारी
राग दरबारी
Shekhar Chandra Mitra
“ख़्वाहिशों का क़ाफ़िला  गुजरता अनेक गलियों से ,
“ख़्वाहिशों का क़ाफ़िला गुजरता अनेक गलियों से ,
Neeraj kumar Soni
" विनाशक "
Dr. Kishan tandon kranti
ओ आदम! तू चल आहिस्ता।
ओ आदम! तू चल आहिस्ता।
पंकज परिंदा
दिव्य प्रेम
दिव्य प्रेम
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
आज के लिए कम सोचो
आज के लिए कम सोचो
Ajit Kumar "Karn"
सब चाहतें हैं तुम्हे...
सब चाहतें हैं तुम्हे...
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अफ़सोस इतना गहरा नहीं
अफ़सोस इतना गहरा नहीं
हिमांशु Kulshrestha
6
6
Davina Amar Thakral
सच, सच-सच बताना
सच, सच-सच बताना
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
शीर्षक – वेदना फूलों की
शीर्षक – वेदना फूलों की
Sonam Puneet Dubey
तेरे चेहरे को जब भी देखा है मुझको एक राज़ नज़र आया है।
तेरे चेहरे को जब भी देखा है मुझको एक राज़ नज़र आया है।
Phool gufran
9.The Endless Search
9.The Endless Search
Santosh Khanna (world record holder)
भाई बहन की संवेदना (रक्षाबंधन पर्व)
भाई बहन की संवेदना (रक्षाबंधन पर्व)
Dr B.R.Gupta
वन्दे मातरम् ( घनाक्षरी छंद)
वन्दे मातरम् ( घनाक्षरी छंद)
guru saxena
योगी बनाम संन्यासी
योगी बनाम संन्यासी
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
हम सबके सियाराम
हम सबके सियाराम
Sudhir srivastava
___गोता
___गोता
Varun Singh Gautam
'भारत के वीर'
'भारत के वीर'
Godambari Negi
*अध्याय 7*
*अध्याय 7*
Ravi Prakash
श्री राम! मैं तुमको क्या कहूं...?
श्री राम! मैं तुमको क्या कहूं...?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
दीवाना - सा लगता है
दीवाना - सा लगता है
Madhuyanka Raj
घुंघट ओढ़ा हमने लाज़ बचाने के लिए
घुंघट ओढ़ा हमने लाज़ बचाने के लिए
Keshav kishor Kumar
होने को अब जीवन की है शाम।
होने को अब जीवन की है शाम।
Anil Mishra Prahari
‘बेटियाँ’
‘बेटियाँ’
Vivek Mishra
मूकनायक
मूकनायक
मनोज कर्ण
" जय भारत-जय गणतंत्र ! "
Surya Barman
𑒚𑒰𑒧-𑒚𑒰𑒧 𑒁𑒏𑒩𑓂𑒧𑒝𑓂𑒨𑒞𑒰 𑒏, 𑒯𑒰𑒙 𑒮𑒥 𑒪𑒰𑒑𑒪 𑒁𑒕𑒱 !
𑒚𑒰𑒧-𑒚𑒰𑒧 𑒁𑒏𑒩𑓂𑒧𑒝𑓂𑒨𑒞𑒰 𑒏, 𑒯𑒰𑒙 𑒮𑒥 𑒪𑒰𑒑𑒪 𑒁𑒕𑒱 !
DrLakshman Jha Parimal
आपको हम
आपको हम
Dr fauzia Naseem shad
🙅आज की बात🙅
🙅आज की बात🙅
*प्रणय*
Loading...