Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Apr 2024 · 1 min read

भाई बहन की संवेदना (रक्षाबंधन पर्व)

बहन अपने भाई से—
मेरे प्यारे भइया,हम तुम एक डाली के फूल,एक डाली के फूल ।
जीवन में कुछ भी हो जाए, हमें न जाना भूल,भइया हमें न जाना भूल।
रिश्तों में चढ़ जाए कभी,गर जीवन में है धूल,
बचपन की यादें कर कर के, हरदम रहना कूल, भइया हरदम रहना कूल।
भाभी से मत झगड़ा करना,बात न देना तूल,
हंसी खुशी से निपटा लेना,जीवन के सब शूल,भइया जीवन के सब शूल।
हम तुम एक डाली के फूल

भाई बहन से–
मेरी प्यारी बहना,हम तुम एक डाली के फूल ,
बचपन साथ गुजारें हमने ,कैसे जाऊं भूल। बहना कैसे जाऊं भूल ।
बड़े हुए तो अलग हो गए ,कुदरत का यह रूल,
जीजा के संग आते रहना,गली न जाना भूल।
बहना गली न जाना भूल।
हम तुम एक डाली के फूल

3 Likes · 24 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr B.R.Gupta
View all
You may also like:
3299.*पूर्णिका*
3299.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पाखी खोले पंख : व्यापक फलक की प्रस्तुति
पाखी खोले पंख : व्यापक फलक की प्रस्तुति
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
प्रबुद्ध प्रणेता अटल जी
प्रबुद्ध प्रणेता अटल जी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
वक्त गिरवी सा पड़ा है जिंदगी ( नवगीत)
वक्त गिरवी सा पड़ा है जिंदगी ( नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
देशभक्त
देशभक्त
Shekhar Chandra Mitra
प्रेम पथ का एक रोड़ा 🛣️🌵🌬️
प्रेम पथ का एक रोड़ा 🛣️🌵🌬️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अपनों की जीत
अपनों की जीत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अल्फाज़.......दिल के
अल्फाज़.......दिल के
Neeraj Agarwal
अंग अंग में मारे रमाय गयो
अंग अंग में मारे रमाय गयो
Sonu sugandh
काला दिन
काला दिन
Shyam Sundar Subramanian
"जागरण"
Dr. Kishan tandon kranti
संवेदना कहाँ लुप्त हुयी..
संवेदना कहाँ लुप्त हुयी..
Ritu Asooja
*हुई हम से खता,फ़ांसी नहीं*
*हुई हम से खता,फ़ांसी नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
यारा ग़म नहीं
यारा ग़म नहीं
Surinder blackpen
Have faith in your doubt
Have faith in your doubt
AJAY AMITABH SUMAN
■ छोटी दीवाली
■ छोटी दीवाली
*Author प्रणय प्रभात*
*हम विफल लोग है*
*हम विफल लोग है*
पूर्वार्थ
दरोगा तेरा पेट
दरोगा तेरा पेट
Satish Srijan
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
shabina. Naaz
हर कभी ना माने
हर कभी ना माने
Dinesh Gupta
जीवन दर्शन
जीवन दर्शन
Prakash Chandra
हिन्दी दोहा बिषय- कलश
हिन्दी दोहा बिषय- कलश
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
घूर
घूर
Dr MusafiR BaithA
अखंड साँसें प्रतीक हैं, उद्देश्य अभी शेष है।
अखंड साँसें प्रतीक हैं, उद्देश्य अभी शेष है।
Manisha Manjari
* भावना में *
* भावना में *
surenderpal vaidya
खेल-खेल में सीखो 【बाल कविता 】
खेल-खेल में सीखो 【बाल कविता 】
Ravi Prakash
ये
ये
Shweta Soni
कैसे एक रिश्ता दरकने वाला था,
कैसे एक रिश्ता दरकने वाला था,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"सूर्य -- जो अस्त ही नहीं होता उसका उदय कैसे संभव है" ! .
Atul "Krishn"
विजेता
विजेता
Paras Nath Jha
Loading...