बेटियां
उजालों की किरन आती है लेकर घर में बेटियां।
चांदनी बनकर घर में जगमगाती है घर में बेटियां।
उसकी किलकारी से घर आंगन गूंज जाता है ।
हर वक्त मुस्कुराती रहती हैं घर में बेटियां।
तोतली बोली उनकी सुनकर मां बाप ख़ुश हो जाते हैं।
पूजा की देवी बनाकर घर में आती हैं बेटियां।
फूलों की तरह आंगन महक जाते हैं उनके नाम से।
हर चिराग में बाति बनकर घर महकाती हैं बेटियां।
मां बाप को अपने देखकर फूले नहीं समाती है ।
हर घर में आईने की तरह होती हैं बेटियां।
किरदार आज सभी बाखूबी निभाती चली जाती है वो।
हिम्मत से काम लेती है घबराती नहीं हैं बेटियां।
बेटी है ,बहन है फिर बनकर आती है मां।
बाखूब अपने फ़र्ज़ निभाती हैं ये बेटियां।
घर जब तक गूंजता है जब वो मुस्काती रहे ।
फिर दुल्हन बनकर ससुराल चली जाती हैं बेटियां।
Phool gufran