Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2020 · 1 min read

बेजुबान पशु

क्या कहे अब इस मानव जाती को,

ये मानव नहीं ये तो राक्षस हो गए,

इनके भीतर की मानवतावाद ख़तम हो गई,

ये जालिम मानव को क्या कहे हम

जिसने बिन बोलने वाले पशु को तड़पाया

एक बेजुबान पशु पर तनिक भी तरस ना आया?

…………….. अंजली तिवारी✍️

Language: Hindi
3 Likes · 9 Comments · 259 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जीवन मर्म
जीवन मर्म
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
हृदय के राम
हृदय के राम
Er. Sanjay Shrivastava
चंद अशआर -ग़ज़ल
चंद अशआर -ग़ज़ल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मैं स्वयं को भूल गया हूं
मैं स्वयं को भूल गया हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
उपमान (दृृढ़पद ) छंद - 23 मात्रा , ( 13- 10) पदांत चौकल
उपमान (दृृढ़पद ) छंद - 23 मात्रा , ( 13- 10) पदांत चौकल
Subhash Singhai
सरस रंग
सरस रंग
Punam Pande
मार्गदर्शन होना भाग्य की बात है
मार्गदर्शन होना भाग्य की बात है
Harminder Kaur
आज फिर इन आँखों में आँसू क्यों हैं
आज फिर इन आँखों में आँसू क्यों हैं
VINOD CHAUHAN
सहमी -सहमी सी है नज़र तो नहीं
सहमी -सहमी सी है नज़र तो नहीं
Shweta Soni
سیکھ لو
سیکھ لو
Ahtesham Ahmad
देखो भालू आया
देखो भालू आया
Anil "Aadarsh"
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आकर्षण मृत्यु का
आकर्षण मृत्यु का
Shaily
दूर रह कर सीखा, नजदीकियां क्या है।
दूर रह कर सीखा, नजदीकियां क्या है।
Surinder blackpen
*आया भैया दूज का, पावन यह त्यौहार (कुंडलिया)*
*आया भैया दूज का, पावन यह त्यौहार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दोहा
दोहा
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
मजबूर हूँ यह रस्म निभा नहीं पाऊंगा
मजबूर हूँ यह रस्म निभा नहीं पाऊंगा
gurudeenverma198
// जनक छन्द //
// जनक छन्द //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
उन्हें हद पसन्द थीं
उन्हें हद पसन्द थीं
हिमांशु Kulshrestha
3200.*पूर्णिका*
3200.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
परमपूज्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज
परमपूज्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज
मनोज कर्ण
सावन आया
सावन आया
Neeraj Agarwal
"जियो जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
पवनसुत
पवनसुत
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मौसम का मिजाज़ अलबेला
मौसम का मिजाज़ अलबेला
Buddha Prakash
बेज़ुबान जीवों पर
बेज़ुबान जीवों पर
*Author प्रणय प्रभात*
टूटी हुई कलम को
टूटी हुई कलम को
Anil chobisa
*मुर्गा की बलि*
*मुर्गा की बलि*
Dushyant Kumar
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
Even if you stand
Even if you stand
Dhriti Mishra
Loading...