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19 Apr 2024 · 1 min read

“बेचैनियाँ”

“बेचैनियाँ”
बेचैनियाँ तो दोनों तरफ है
फर्क सिर्फ इतना है कि
मैं आँखों से बहा देता हूँ
तुम दिल में छुपा लेती हो।

3 Likes · 3 Comments · 84 Views
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