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16 May 2024 · 1 min read

छोड़ कर घर बार सब जाएं कहीं।

मुक्तक

छोड़ कर घर बार सब जाएं कहीं।
पर अकेले जिंदगी कटती नहीं।
चार दिन के बाद दिल कहता चलो,
फिर से अपने दर पे चलते हैं वहीं।

………✍️ सत्य कुमार प्रेमी

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