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28 Jul 2021 · 1 min read

बुधपूर्णिमा

?बुधपूर्णिमा की शुभकामनाये?

बुद्धम शरणम गच्छामि..
यही धर्म है मोक्ष पथगामी
मध्यम मार्ग सरल अनुगामी
पाँच अनुशीलन हैं इसके
चल मानव पालन कर।

धम्मं शरणम गच्छामि
सत्कर्मों की पूँजी बना ले
प्रेम-भाव अविरल बहा ले
कर्मों को अपना धर्म समझ ले
करना किसी से न छल दम्भ।

संघम शरणम गच्छामि
प्राणीमात्र पर दया करना तू
जो हैं दीन-निर्बल सहायता कर
बुद्ध ने जो सन्देश दिया है
उस पर करना अमल करता चल।

पंचशील के अनुगामी.
राग-रंग नहीं करना तुझको
संयम है तेरा दल बल
मानव जीवन तुझे मिला है
रखना इसे स्वच्छ और निर्मल।

बुद्धम शरणम गच्छामि..
त्रिपिटक ग्रंथों में समाये
जीवन सार विकल सकल
प्रज्ञा शील करुणा अपना ले
मोक्ष की कामना तू कर ले।

धम्मं शरणम गच्छामि
स्वर्ग-नर्क क्या तुमने देखा ?
तुमनें क्या देखा हैं कल ?
परम-धाम जाना है तुझको
बुद्ध की राह पर अब तू चल।

डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद

Language: Hindi
1 Like · 190 Views
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