Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jul 2023 · 1 min read

सावन महिना

सावन महिना
सावन महिना भोंभरा तिपत हे
बरषा कहां नंदागे
अब आके बचाले अवघड़ दानी
मोर मति छरियागे

चारों कोती हावय गरमी अड़बड़
कुहक हावय भारी
तरबतर पसीना में होवत हावय
धरती के नर नारी

रोवत हावय सब रूख राई अऊ,
भाप बनत हे सब पानी
घिंदोल मेचका अब मुंह फारत हे
सुरता आवत हे नानी

अब आके बचाले भोले बाबा
तोला कईथन अवघड़दानी
सावन महिना भोंभरा तिपत हे
का होंगे,गिरत नइये पानी।।

पान सुपारी अब तोला चढाबों
नरियर फाटा ,बेलपतिया
धोवा धोवा चाऊंर ल चढाबों
जल चढाबों, महानदीया

कब आबे तेला बतादे,नंदी ल संग लाबे
गौरी माता पारवती ल, संगे म धर आबे
सावन सम्मारी एसो, अठदिनिया,होवत हे
लम्बोदर घलो ल , परिवार सहित तै आबे

विनित
कवि डां विजय कुमार कन्नौजे
अमोदी आरंग ज़िला रायपुर छ ग

Language: Hindi
1 Like · 217 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रेम की बात जमाने से निराली देखी
प्रेम की बात जमाने से निराली देखी
Vishal babu (vishu)
।। निरर्थक शिकायतें ।।
।। निरर्थक शिकायतें ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
अन्तर्मन को झांकती ये निगाहें
अन्तर्मन को झांकती ये निगाहें
Pramila sultan
कागज़ ए जिंदगी
कागज़ ए जिंदगी
Neeraj Agarwal
जय जय राजस्थान
जय जय राजस्थान
Ravi Yadav
सत्य संकल्प
सत्य संकल्प
Shaily
अजनबी बनकर आये थे हम तेरे इस शहर मे,
अजनबी बनकर आये थे हम तेरे इस शहर मे,
डी. के. निवातिया
उनका ही बोलबाला है
उनका ही बोलबाला है
मानक लाल मनु
एक गुनगुनी धूप
एक गुनगुनी धूप
Saraswati Bajpai
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
Arghyadeep Chakraborty
जाने वाले का शुक्रिया, आने वाले को सलाम।
जाने वाले का शुक्रिया, आने वाले को सलाम।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
चन्द्रयान उड़ा गगन में,
चन्द्रयान उड़ा गगन में,
Satish Srijan
प्यासा के कुंडलियां (झूठा)
प्यासा के कुंडलियां (झूठा)
Vijay kumar Pandey
अब कलम से न लिखा जाएगा इस दौर का हाल
अब कलम से न लिखा जाएगा इस दौर का हाल
Atul Mishra
ना जाने क्यों...?
ना जाने क्यों...?
भवेश
■ एक शाश्वत सच
■ एक शाश्वत सच
*Author प्रणय प्रभात*
पवनसुत
पवनसुत
सिद्धार्थ गोरखपुरी
उपकार माईया का
उपकार माईया का
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
💐प्रेम कौतुक-221💐
💐प्रेम कौतुक-221💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जय जय दुर्गा माता
जय जय दुर्गा माता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
कर्म कांड से बचते बचाते.
कर्म कांड से बचते बचाते.
Mahender Singh
सबने सब कुछ लिख दिया, है जीवन बस खेल।
सबने सब कुछ लिख दिया, है जीवन बस खेल।
Suryakant Dwivedi
आओ सर्दी की बाहों में खो जाएं
आओ सर्दी की बाहों में खो जाएं
नूरफातिमा खातून नूरी
विरह वेदना फूल तितली
विरह वेदना फूल तितली
SATPAL CHAUHAN
*ठेला (बाल कविता)*
*ठेला (बाल कविता)*
Ravi Prakash
सत्तर भी है तो प्यार की कोई उमर नहीं।
सत्तर भी है तो प्यार की कोई उमर नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
"समरसता"
Dr. Kishan tandon kranti
3295.*पूर्णिका*
3295.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जात आदमी के
जात आदमी के
AJAY AMITABH SUMAN
"अवध में राम आये हैं"
Ekta chitrangini
Loading...