Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jul 2023 · 1 min read

चन्द्रयान उड़ा गगन में,

चन्द्रयान उड़ा गगन में,
मगन भया परिवेश।
इसरो ने मेहनत किया,
गौरवान्वित है देश।

गौरवान्वित है देश,
यान की चाल करारा।
परचम फहरे चाँद पर,
देखे जग सारा।

दुनिया जो न कर सकी,
कर गया हिन्दुस्तान।
चाँद के साउथ पोल पर,
दिखे तिरंग निशान।

धन्यवाद और नमन है,
इसरो दल को विशेष।
चन्द्रयान उड़ा गगन में,
मगन भया परिवेश।

1 Like · 1 Comment · 148 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Satish Srijan
View all
You may also like:
दिल से दिल तो टकराया कर
दिल से दिल तो टकराया कर
Ram Krishan Rastogi
दोहे- माँ है सकल जहान
दोहे- माँ है सकल जहान
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बात का जबाब बात है
बात का जबाब बात है
शेखर सिंह
"श्रृंगारिका"
Ekta chitrangini
Banaras
Banaras
Sahil Ahmad
ग़ज़ल/नज़्म - मैं बस काश! काश! करते-करते रह गया
ग़ज़ल/नज़्म - मैं बस काश! काश! करते-करते रह गया
अनिल कुमार
माता के नौ रूप
माता के नौ रूप
Dr. Sunita Singh
लोग कह रहे हैं आज कल राजनीति करने वाले कितने गिर गए हैं!
लोग कह रहे हैं आज कल राजनीति करने वाले कितने गिर गए हैं!
Anand Kumar
#शर्माजीकेशब्द
#शर्माजीकेशब्द
pravin sharma
पैसा
पैसा
Kanchan Khanna
💐प्रेम कौतुक-368💐
💐प्रेम कौतुक-368💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मन
मन
Punam Pande
A setback is,
A setback is,
Dhriti Mishra
तुम्हारा चश्मा
तुम्हारा चश्मा
Dr. Seema Varma
2469.पूर्णिका
2469.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*घर*
*घर*
Dushyant Kumar
चली ⛈️सावन की डोर➰
चली ⛈️सावन की डोर➰
डॉ० रोहित कौशिक
कविता ही तो परंम सत्य से, रूबरू हमें कराती है
कविता ही तो परंम सत्य से, रूबरू हमें कराती है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
■ भाषा संस्कारों का दर्पण भी होती है श्रीमान!!
■ भाषा संस्कारों का दर्पण भी होती है श्रीमान!!
*Author प्रणय प्रभात*
मैं उनके मंदिर गया था / MUSAFIR BAITHA
मैं उनके मंदिर गया था / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
मैं अगर आग में चूल्हे की यूँ जल सकती हूँ
मैं अगर आग में चूल्हे की यूँ जल सकती हूँ
Shweta Soni
वर्तमान, अतीत, भविष्य...!!!!
वर्तमान, अतीत, भविष्य...!!!!
Jyoti Khari
तेरी यादों में लिखी कविताएं, सायरियां कितनी
तेरी यादों में लिखी कविताएं, सायरियां कितनी
Amit Pandey
// दोहा ज्ञानगंगा //
// दोहा ज्ञानगंगा //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अच्छा लगने लगा है !!
अच्छा लगने लगा है !!
गुप्तरत्न
सितम गर हुआ है।
सितम गर हुआ है।
Taj Mohammad
जब दूसरो को आगे बड़ता देख
जब दूसरो को आगे बड़ता देख
Jay Dewangan
खुला आसमान
खुला आसमान
Surinder blackpen
बैरी डायबिटीज (हास्य कुंडलिया)
बैरी डायबिटीज (हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
अपने क़द से
अपने क़द से
Dr fauzia Naseem shad
Loading...