बुझा दो इन चिरागो को
बुझा दो इन चरागों को
कुछ देर ए जिंदगी अभी सोने दो…
एक ख्वाब अधूरा कुछ रातों से
आज मुझे उस ख्वाब में खोने दो…
सवेरा आएगा तो हकीकत उठा देगी
वहम में ही सही आज मुझे खुश होने दो…
यादों के झूले में बैठाकर हसरतें लाई
मुझे चांद की छांव में जी भर कर रोने दो…
“अधूरी मोहब्बत” अधूरा है आज चांद
अंधेरी रातों में भी आज पूनम होने दो…
बुझा दो इन चरागों को
कुछ देर ए जिंदगी अभी सोने दो…