बीते साल रहे थे जैंसे, मत रखना उस हाल में
बीते साल रहे थे जैंसे, मत रखना उस हाल में
जिस हाल में भी रखोगे तुम, रह लेंगे उस हाल में
बीते साल रहे थे जैंसे, मत रखना नए साल में
सुख दुख आते हैं जाते हैं, दोनों ही नहीं ठहर पाते हैं
हम तो जीते हैं वैंसे ही, खुश रहते हैं हर हाल में
न हम दुख से घबराते हैं, न सुख में इतराते हैं
उत्सव धर्मी स्वभाव हमारा, हर बात का जश्न मनाते हैं
कालचक्र चल रहा निरंतर, हर साल यह आते जाते हैं
जब तक है जीवन की डोरी, हम तो जश्न मनाते हैं
गए वर्ष को नमस्ते सादर, आने वाले वर्ष का आदर
सभी को शुभकामनाएं सादर,बहुत बहुत बधाई आदर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी