Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2020 · 1 min read

बीते साल रहे थे जैंसे, मत रखना उस हाल में

बीते साल रहे थे जैंसे, मत रखना उस हाल में
जिस हाल में भी रखोगे तुम, रह लेंगे उस हाल में
बीते साल रहे थे जैंसे, मत रखना नए साल में
सुख दुख आते हैं जाते हैं, दोनों ही नहीं ठहर पाते हैं
हम तो जीते हैं वैंसे ही, खुश रहते हैं हर हाल में
न हम दुख से घबराते हैं, न सुख में इतराते हैं
उत्सव धर्मी स्वभाव हमारा, हर बात का जश्न मनाते हैं
कालचक्र चल रहा निरंतर, हर साल यह आते जाते हैं
जब तक है जीवन की डोरी, हम तो जश्न मनाते हैं
गए वर्ष को नमस्ते सादर, आने वाले वर्ष का आदर
सभी को शुभकामनाएं सादर,बहुत बहुत बधाई आदर

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
9 Likes · 8 Comments · 210 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
रिश्तों का बदलता स्वरूप
रिश्तों का बदलता स्वरूप
पूर्वार्थ
कैसे कांटे हो तुम
कैसे कांटे हो तुम
Basant Bhagawan Roy
इस दुनिया में दोस्त हीं एक ऐसा विकल्प है जिसका कोई विकल्प नह
इस दुनिया में दोस्त हीं एक ऐसा विकल्प है जिसका कोई विकल्प नह
Shweta Soni
*विश्वामित्र नमन तुम्हें : कुछ दोहे*
*विश्वामित्र नमन तुम्हें : कुछ दोहे*
Ravi Prakash
बुंदेली दोहा-सुड़ी (इल्ली)
बुंदेली दोहा-सुड़ी (इल्ली)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
A Little Pep Talk
A Little Pep Talk
Ahtesham Ahmad
कौन किसकी कहानी सुनाता है
कौन किसकी कहानी सुनाता है
Manoj Mahato
"एहसासों के दामन में तुम्हारी यादों की लाश पड़ी है,
Aman Kumar Holy
अज्ञानी की कलम
अज्ञानी की कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कोई बात नहीं, अभी भी है बुरे
कोई बात नहीं, अभी भी है बुरे
gurudeenverma198
विश्वास
विश्वास
विजय कुमार अग्रवाल
चौराहे पर....!
चौराहे पर....!
VEDANTA PATEL
"दो पहलू"
Yogendra Chaturwedi
2358.पूर्णिका
2358.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हार नहीं मानेंगे, यूं अबाद रहेंगे,
हार नहीं मानेंगे, यूं अबाद रहेंगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कौतूहल एवं जिज्ञासा
कौतूहल एवं जिज्ञासा
Shyam Sundar Subramanian
#लघुकथा / #हिचकी
#लघुकथा / #हिचकी
*प्रणय प्रभात*
ऐ वतन
ऐ वतन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जन जन फिर से तैयार खड़ा कर रहा राम की पहुनाई।
जन जन फिर से तैयार खड़ा कर रहा राम की पहुनाई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बीरबल जैसा तेज तर्रार चालाक और समझदार लोग आज भी होंगे इस दुन
बीरबल जैसा तेज तर्रार चालाक और समझदार लोग आज भी होंगे इस दुन
Dr. Man Mohan Krishna
'उड़ाओ नींद के बादल खिलाओ प्यार के गुलशन
'उड़ाओ नींद के बादल खिलाओ प्यार के गुलशन
आर.एस. 'प्रीतम'
भीड़ से आप
भीड़ से आप
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Dr. Sunita Singh
मोबाइल
मोबाइल
लक्ष्मी सिंह
मेहनत के दिन हमको , बड़े याद आते हैं !
मेहनत के दिन हमको , बड़े याद आते हैं !
Kuldeep mishra (KD)
चेहरे के पीछे चेहरा और उस चेहरे पर भी नकाब है।
चेहरे के पीछे चेहरा और उस चेहरे पर भी नकाब है।
सिद्धार्थ गोरखपुरी
रमेशराज के प्रेमपरक दोहे
रमेशराज के प्रेमपरक दोहे
कवि रमेशराज
🌳वृक्ष की संवेदना🌳
🌳वृक्ष की संवेदना🌳
Dr. Vaishali Verma
दोहा ग़ज़ल (गीतिका)
दोहा ग़ज़ल (गीतिका)
Subhash Singhai
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...