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18 Mar 2023 · 1 min read

वृद्धाश्रम में दौर, आखिरी किसको भाता (कुंडलिया)*

वृद्धाश्रम में दौर, आखिरी किसको भाता (कुंडलिया)*
___________________________
भरते मुख में लाड़ जो ,देते अपना प्यार
विमुख बुढ़ापे में दिखा ,उनको ही परिवार
उनको ही परिवार , अकेलापन है खाता
वृद्धाश्रम में दौर, आखिरी किसको भाता
कहते रवि कविराय ,समय से पहले मरते
चुक जाता उत्साह ,साँस की किस्तें भरते

विमुख = उदासीन ,जिसने मुख मोड़ लिया हो
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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