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Dr. Kishan tandon kranti
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2 Nov 2024 · 1 min read
“बीते लम्हें”
“बीते लम्हें”
बीते हुए लम्हें तमाम फिर से जी उठते,
पढ़ता हूँ जब कभी तेरे खत बेशुमार।
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