” बीती बातें ” ” माना कि जो बीत गई
” बीती बातें ”
” माना कि जो बीत गई
सो बात गई , ”
पर बीती बातों को याद
न रखूं ,
तो आगे कैसे बढ़ूं ?
प्रेरक होते हैं वो बीती
बातें ,
पथ प्रदर्शक होते हैं वो
बीती बातें ।
अहंकार से दूर भी तो
रखता वही ,
हमारे ” सीख ” का गुरु
भी तो होता वही ।
पछतावा छोड़ करें प्रणाम
उसको ,
जीना सिखा दिया जिसने
हमको ।
क्या कहते हैं आप ?
मेरा है ये ” अनुभव ”
और आपका ?
@पूनम झा |कोटा ,राजस्थान