Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Nov 2019 · 1 min read

बाल दिवस पर करो ओ बातें

बाल दिवस पर करो ओ बातें
========●========
(1)
न सुबह का समय पता चलता,
न शाम का समय पता चलता।
थक कर जब स्कूल से आता ,
बस्ता छोड़ गली में खेलने जाता।
(2)
प्यारी माँ मेरी हाथ पैर धुलाती,
गोदी करके खाना मुझे खिलाती।
दीदी मुझको हर जगह घुमाती,
पढ़ना लिखना भी खूब सिखाती।
(3)
हम सबके मन का भाते ,
बीच – बीच में खूब हँसाते।
नैतिक ज्ञान से वह करता शुरू,
ऐसे मेरे भगवान शिवदयाल गुरु।
(4)
मत भूलो ओ बचपन की यादें,
बाल दिवस पर करो ओ बातें।
फैलाओ चारों ओर प्यार अमन,
माता पिता गुरु को करो नमन।
~~~~●●●●●~~~~~~~
रचनाकार डिजेन्द्र कुर्रे”कोहिनूर”
पिपरभावना, बलौदाबाजार(छ.ग.)
मो. 8120587822

2 Likes · 174 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खेल और राजनीती
खेल और राजनीती
'अशांत' शेखर
(13) हाँ, नींद हमें भी आती है !
(13) हाँ, नींद हमें भी आती है !
Kishore Nigam
होली है ....
होली है ....
Kshma Urmila
नया विज्ञापन
नया विज्ञापन
Otteri Selvakumar
हर पाँच बरस के बाद
हर पाँच बरस के बाद
Johnny Ahmed 'क़ैस'
*प्रभु नहीं मिलते हैं पोथियों को पढ़-पढ़【 घनाक्षरी 】*
*प्रभु नहीं मिलते हैं पोथियों को पढ़-पढ़【 घनाक्षरी 】*
Ravi Prakash
The blue sky !
The blue sky !
Buddha Prakash
हर हाल में खुश रहने का सलीका तो सीखो ,  प्यार की बौछार से उज
हर हाल में खुश रहने का सलीका तो सीखो , प्यार की बौछार से उज
DrLakshman Jha Parimal
बिना रुके रहो, चलते रहो,
बिना रुके रहो, चलते रहो,
Kanchan Alok Malu
हंसवाहिनी दो मुझे, बस इतना वरदान।
हंसवाहिनी दो मुझे, बस इतना वरदान।
Jatashankar Prajapati
* आस्था *
* आस्था *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इंडिया में का बा ?
इंडिया में का बा ?
Shekhar Chandra Mitra
कुछ लोग किरदार ऐसा लाजवाब रखते हैं।
कुछ लोग किरदार ऐसा लाजवाब रखते हैं।
Surinder blackpen
"हृदय में कुछ ऐसे अप्रकाशित गम भी रखिए वक़्त-बेवक्त जिन्हें आ
दुष्यन्त 'बाबा'
डर डर के उड़ रहे पंछी
डर डर के उड़ रहे पंछी
डॉ. शिव लहरी
इश्क की वो  इक निशानी दे गया
इश्क की वो इक निशानी दे गया
Dr Archana Gupta
उनको घरों में भी सीलन आती है,
उनको घरों में भी सीलन आती है,
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
फुटपाथों पर लोग रहेंगे
फुटपाथों पर लोग रहेंगे
Chunnu Lal Gupta
लखनऊ शहर
लखनऊ शहर
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
जल
जल
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
इशारा दोस्ती का
इशारा दोस्ती का
Sandeep Pande
*बारिश सी बूंदों सी है प्रेम कहानी*
*बारिश सी बूंदों सी है प्रेम कहानी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रेशम की डोर राखी....
रेशम की डोर राखी....
राहुल रायकवार जज़्बाती
अतीत
अतीत
Shyam Sundar Subramanian
पुराना कुछ भूलने के लिए,
पुराना कुछ भूलने के लिए,
पूर्वार्थ
नदी
नदी
नूरफातिमा खातून नूरी
श्री राम जय राम।
श्री राम जय राम।
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
2799. *पूर्णिका*
2799. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
■ लोकतंत्र की जय।
■ लोकतंत्र की जय।
*Author प्रणय प्रभात*
समझ
समझ
अखिलेश 'अखिल'
Loading...