Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2024 · 1 min read

बाल कविता: मेरा कुत्ता

बाल कविता: मेरा कुत्ता

मोती मेरा कुत्ता है,
रखवाली वह करता है।

भौं भौं करके भौकता,
चोरों को वह रोकता।

खेल खेलता मेरे संग,
गेंद से करता है जंग,

घर में रहता सबसे न्यारा,
हम सबको है जान से प्यारा।

*********📚*********
स्वरचित कविता 📝
✍️रचनाकार:
राजेश कुमार अर्जुन

2 Likes · 203 Views
Books from Rajesh Kumar Arjun
View all

You may also like these posts

कच्चे मकानों में अब भी बसती है सुकून-ए-ज़िंदगी,
कच्चे मकानों में अब भी बसती है सुकून-ए-ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अब किसी से कोई शिकायत नही रही
अब किसी से कोई शिकायत नही रही
ruby kumari
अब कष्ट हरो
अब कष्ट हरो
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
परिवर्तन
परिवर्तन
Ruchi Sharma
Here's to everyone who suffers in silence.
Here's to everyone who suffers in silence.
पूर्वार्थ
छोड़कर एक दिन तुम चले जाओगे
छोड़कर एक दिन तुम चले जाओगे
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
उसी छुरी ने काटा मुझे ।
उसी छुरी ने काटा मुझे ।
Rj Anand Prajapati
पत्रकार की कलम देख डरे
पत्रकार की कलम देख डरे
Neeraj Mishra " नीर "
काजल की महीन रेखा
काजल की महीन रेखा
Awadhesh Singh
मुबारक़ हो तुम्हें ये दिन सुहाना
मुबारक़ हो तुम्हें ये दिन सुहाना
Monika Arora
हार हमने नहीं मानी है
हार हमने नहीं मानी है
संजय कुमार संजू
तुम वह सितारा थे!
तुम वह सितारा थे!
Harminder Kaur
विचार
विचार
Godambari Negi
हे राम ।
हे राम ।
Anil Mishra Prahari
एहसान फ़रामोश
एहसान फ़रामोश
Dr. Rajeev Jain
..
..
*प्रणय*
हमें फुरसत कहाँ इतनी
हमें फुरसत कहाँ इतनी
gurudeenverma198
जन्म प्रभु श्री राम का
जन्म प्रभु श्री राम का
इंजी. संजय श्रीवास्तव
विवाह समारोहों में सूक्ष्मता से की गई रिसर्च का रिज़ल्ट*
विवाह समारोहों में सूक्ष्मता से की गई रिसर्च का रिज़ल्ट*
Rituraj shivem verma
"चाँद सा चेहरा"
Dr. Kishan tandon kranti
*करिए गर्मी में सदा, गन्ने का रस-पान (कुंडलिया)*
*करिए गर्मी में सदा, गन्ने का रस-पान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Website: https://dongphucasian.com/xuong-may-dong-phuc-ao-th
Website: https://dongphucasian.com/xuong-may-dong-phuc-ao-th
dongphucuytin123
श्री गणेश (हाइकु)
श्री गणेश (हाइकु)
Indu Singh
अंजानी सी गलियां
अंजानी सी गलियां
नेताम आर सी
जिस घर में---
जिस घर में---
लक्ष्मी सिंह
है कहीं धूप तो  फिर  कही  छांव  है
है कहीं धूप तो फिर कही छांव है
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
23/160.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/160.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हैं हमारे गुरू
हैं हमारे गुरू
राधेश्याम "रागी"
Quote...
Quote...
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कोई होटल की बिखरी ओस में भींग रहा है
कोई होटल की बिखरी ओस में भींग रहा है
Akash Yadav
Loading...