Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jun 2023 · 1 min read

*बादल (बाल कविता)*

बादल (बाल कविता)

काले-काले बादल आए
दिन में शाम सुहानी लाए
पानी यह नभ से बरसाते
धरती का मन खुश कर जाते
बार-बार आते हैं बादल
बार-बार बरसा जाते जल

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

1083 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
जाते जाते मुझे वो उदासी दे गया
जाते जाते मुझे वो उदासी दे गया
Ram Krishan Rastogi
रिश्ते
रिश्ते
Harish Chandra Pande
वो भी तन्हा रहता है
वो भी तन्हा रहता है
'अशांत' शेखर
वादा  प्रेम   का  करके ,  निभाते  रहे   हम।
वादा प्रेम का करके , निभाते रहे हम।
Anil chobisa
2821. *पूर्णिका*
2821. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बहुत यत्नों से हम
बहुत यत्नों से हम
DrLakshman Jha Parimal
सरकारी
सरकारी
Lalit Singh thakur
The World on a Crossroad: Analysing the Pros and Cons of a Potential Superpower Conflict
The World on a Crossroad: Analysing the Pros and Cons of a Potential Superpower Conflict
Shyam Sundar Subramanian
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
तू सच में एक दिन लौट आएगी मुझे मालूम न था…
तू सच में एक दिन लौट आएगी मुझे मालूम न था…
Anand Kumar
*
*"मुस्कराहट"*
Shashi kala vyas
बुंदेली दोहा बिषय- नानो (बारीक)
बुंदेली दोहा बिषय- नानो (बारीक)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जीवन में दिन चार मिलें है,
जीवन में दिन चार मिलें है,
Satish Srijan
क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके ज
क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके ज
Rj Anand Prajapati
गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
छोटा परिवार( घनाक्षरी )
छोटा परिवार( घनाक्षरी )
Ravi Prakash
“हिचकी
“हिचकी " शब्द यादगार बनकर रह गए हैं ,
Manju sagar
🙏🙏 अज्ञानी की कलम 🙏🙏
🙏🙏 अज्ञानी की कलम 🙏🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सेवा की महिमा कवियों की वाणी रहती गाती है
सेवा की महिमा कवियों की वाणी रहती गाती है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
*अम्मा*
*अम्मा*
Ashokatv
#तेवरी
#तेवरी
*Author प्रणय प्रभात*
बीरबल जैसा तेज तर्रार चालाक और समझदार लोग आज भी होंगे इस दुन
बीरबल जैसा तेज तर्रार चालाक और समझदार लोग आज भी होंगे इस दुन
Dr. Man Mohan Krishna
"आवारा-मिजाजी"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम जो कहते हो प्यार लिखूं मैं,
तुम जो कहते हो प्यार लिखूं मैं,
Manoj Mahato
भीम राव हैं , तारणहार मेरा।
भीम राव हैं , तारणहार मेरा।
Buddha Prakash
सब्र का फल
सब्र का फल
Bodhisatva kastooriya
मैं वो चीज़ हूं जो इश्क़ में मर जाऊंगी।
मैं वो चीज़ हूं जो इश्क़ में मर जाऊंगी।
Phool gufran
मगर अब मैं शब्दों को निगलने लगा हूँ
मगर अब मैं शब्दों को निगलने लगा हूँ
VINOD CHAUHAN
पीड़ाएं सही जाती हैं..
पीड़ाएं सही जाती हैं..
Priya Maithil
प्रणय गीत
प्रणय गीत
Neelam Sharma
Loading...