*अम्मा*
अम्मा
नौ महिना तक कोख म राखि,
सहै दुख लाल जिआबति अम्मा।
दूध पिआइ दुलारय खूब,
धरे निज गोद झुलाबति अम्मा।।
कालहुँ से न डरै लड़ि जाय,
बलाय बिपत्ति भगाबति अम्मा।
लाल भले दुख देय हजार,
न लाल क काल मनाबति अम्मा।।
अशोक त्रिपाठी “माधव”