बात होती ही नही है उस बात कि तरह
बात होती ही नही है उस बात कि तरह
रात होती ही नहीं है उस रात कि तरह
तनहा कहने को है रंगीन आलम मगर
बरसात होती ही नही है बरसात कि तरह
बात होती ही नही है उस बात कि तरह
रात होती ही नहीं है उस रात कि तरह
तनहा कहने को है रंगीन आलम मगर
बरसात होती ही नही है बरसात कि तरह