बहुत चेहरे चेहरों पर सजे हैं देखो,
बहुत चेहरे चेहरों पर सजे हैं देखो,
निगाहें कहीं निशाने कहीं हैं देखो।
अदाकारी के नमूने ऐसे ऐसे वल्लाह,
मुर्दा भी जिंदा दिख रहा है देखो।
चेहरा उतारता है फिर लगाता है,
आदतों से अपनी मजबूर है देखो।
फिर ना कहना बकवास करता है,
मुंह में राम बगल में छूरी है देखो।
– मोहित