Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Oct 2024 · 1 min read

बहते पानी पे एक दरिया ने – संदीप ठाकुर

बहते पानी पे एक दरिया ने
अपनी लहरों से लिक्खे अफ़्साने

बादलों में समेट के बारिश
अश्क धरती के लाई लौटाने

काग़ज़ी फूल की महक का सच
ये देहाती परिंदा क्या जाने

झूमी दीवारें किस की आहट पे
तुलसी आँगन लगी है महकाने

शाम की राह तकते हैं कब से
धूप में पेड़ छतरियाँ ताने

हम समझते हैं एक-दूजे को
तुम भी दीवाने हम भी दीवाने

दिल की गहराइयाँ अँधेरी हैं
इस महल का नसीब तह-ख़ाने

रात भर सिसका बाज़ुओं में मिरे
चाँद आया था मुझ को समझाने

संदीप ठाकुर

238 Views

You may also like these posts

पतझड़ से बसंत तक
पतझड़ से बसंत तक
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
*आई भादों अष्टमी, कृष्ण पक्ष की रात (कुंडलिया)*
*आई भादों अष्टमी, कृष्ण पक्ष की रात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
प्यार है नही
प्यार है नही
SHAMA PARVEEN
हिंदी
हिंदी
संजीवनी गुप्ता
- आना चाहो तो आ जाना में तुम्हारा आज भी इंतजार कर रहा -
- आना चाहो तो आ जाना में तुम्हारा आज भी इंतजार कर रहा -
bharat gehlot
तुमसे दूर रहकर जाना जुदाई क्या होती है
तुमसे दूर रहकर जाना जुदाई क्या होती है
डी. के. निवातिया
खामोशी : काश इसे भी पढ़ लेता....!
खामोशी : काश इसे भी पढ़ लेता....!
VEDANTA PATEL
लिख दूं
लिख दूं
Vivek saswat Shukla
जमाने की राहें
जमाने की राहें
सोबन सिंह रावत
निगाहों से पूछो
निगाहों से पूछो
Surinder blackpen
World Dance Day
World Dance Day
Tushar Jagawat
हाथ की लकीरों में फ़क़ीरी लिखी है वो कहते थे हमें
हाथ की लकीरों में फ़क़ीरी लिखी है वो कहते थे हमें
VINOD CHAUHAN
छोटी छोटी बातें  ...
छोटी छोटी बातें ...
sushil sarna
हर  घड़ी  ज़िन्दगी  की  सुहानी  लिखें
हर घड़ी ज़िन्दगी की सुहानी लिखें
Dr Archana Gupta
Attraction
Attraction
Vedha Singh
स्वयं की खोज कैसे करें। - रविकेश झा
स्वयं की खोज कैसे करें। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
मैं तो निकला था,
मैं तो निकला था,
Dr. Man Mohan Krishna
"साँसों के मांझी"
Dr. Kishan tandon kranti
Use your money to:
Use your money to:
पूर्वार्थ
उसी छुरी ने काटा मुझे ।
उसी छुरी ने काटा मुझे ।
Rj Anand Prajapati
"तुम हो पर्याय सदाचार के"
राकेश चौरसिया
Prapancha mahila mathru dinotsavam
Prapancha mahila mathru dinotsavam
jayanth kaweeshwar
#ज़मीनी_सच
#ज़मीनी_सच
*प्रणय*
दूर जा चुका है वो फिर ख्वाबों में आता है
दूर जा चुका है वो फिर ख्वाबों में आता है
Surya Barman
*_......यादे......_*
*_......यादे......_*
Naushaba Suriya
वक़्त की पहचान🙏
वक़्त की पहचान🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ज्ञान तो बहुत लिखा है किताबों में
ज्ञान तो बहुत लिखा है किताबों में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कविता
कविता
Neelam Sharma
हक जता तो दू
हक जता तो दू
Swami Ganganiya
दोहा
दोहा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
Loading...