बहंको मत
सम्हालों बहकते कदम को, न दम तोड़ दें वो।
पहुंचने के मंजिल से पहले, न कसम तोड़ दें वो।
गर कदम हैं तुम्हारे, तो रखिए रफ्तार खुद की ।
कहीं अश्व रेसों में जीतने का, न वहम तोड़ दें वो।
इंसानियत तुममें जिंदा है, तो रहम करना सीखो।
डरो , खुदा की खुदाई से, कहीं, न रहम छोड़ दे वो ।।