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1 Feb 2024 · 1 min read

कुंंडलिया-छंद:

कुंंडलिया-छंद:
जीवन में होते सफल, जिनका लक्ष्य महान।
बाधाओं को पार कर, गढ़ते हैं प्रतिमान ।।
गढ़ते हैं प्रतिमान, स्वयं के ही श्रम बल पर।
अवसर का परित्याग, नहीं करते घबराकर।।
रूखा-सूखा पेड़, शिखर पर देता साधन ।
संघर्षों के बाद, बदलता उसका जीवन।।

जगदीश शर्मा सहज
अशोकनगर, मप्र

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