बस इतनी सी कहनी बात है
बस इतनी सी कहनी बात है
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बस इतनी सी कहनी बात है,
मै हूँ तू जो हर पल साथ हैं।
नीले नयन नीला नभ निहारें
चाँद-सितारों से भरी रात है।
जुल्फों के छाये बादल घनेरे,
नैन बिखेरे हर्षित बरसात है।
इंद्रधूनुषी उमंगे उमड़ी जिया,
रंग-बिरंगी हुई कायनात है।
दर चले आइए पाँव पसारे,
जीवन की नूतन शुरुआत है।
प्रेम प्यासी भारी तन-मन से,
बाँहें फैलाये खड़ी प्रभात है।
अनखिली कलियों से खेलो,
कजली रूट की सौगात है।
मनसीरत संग तीर्थ नहाऊँ,
आन मिलो मन में अलात है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)