Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jun 2021 · 1 min read

बरसात के बादल

ऐ बादल दूर गगन के
जरा धरती पर आ बरस
जर्रा -जर्रा सूखा धरती का
कुछ तो दिखा तरस

रोम -रोम जलता है
दावानल सा दहकता है
कोई तो बादल ऐसा आये
तन को शीतल कराए

जल जलाशय सूखे है
हर ओर प्यासे कुएँ है
बादल एक ऐसा आये
प्यास मेरी बुझायें

तपती धरती है ऐसी
जैसे चढ़ी हो ज्वर की त्यौरी
पानी को तरसे सब जन
कोईतो मेघ ऐसा आये

ऐ बादल देखूँ तुझको ऐसे
जैसे हो साँसों का बँधन
हर वक्त रहे आस तेरी
कभी तो आ प्यास बुझा दें

81 Likes · 9 Comments · 751 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
पूछो हर किसी सेआजकल  जिंदगी का सफर
पूछो हर किसी सेआजकल जिंदगी का सफर
पूर्वार्थ
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
कोई मिलता है
कोई मिलता है
shabina. Naaz
अजब प्रेम की बस्तियाँ,
अजब प्रेम की बस्तियाँ,
sushil sarna
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
स्वयं की खोज कैसे करें
स्वयं की खोज कैसे करें
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि (स्मारिका)
घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि (स्मारिका)
Dr. Narendra Valmiki
4031.💐 *पूर्णिका* 💐
4031.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
परिणति
परिणति
Shyam Sundar Subramanian
जिंदगी की दास्तां,, ग़ज़ल
जिंदगी की दास्तां,, ग़ज़ल
Namita Gupta
उलझी हुई जुल्फों में ही कितने उलझ गए।
उलझी हुई जुल्फों में ही कितने उलझ गए।
सत्य कुमार प्रेमी
जिन्दगी से शिकायत न रही
जिन्दगी से शिकायत न रही
Anamika Singh
यूँ   ही   बेमौसम   बरसात  हुई।
यूँ ही बेमौसम बरसात हुई।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
नेम प्रेम का कर ले बंधु
नेम प्रेम का कर ले बंधु
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रिश्तों की डोर
रिश्तों की डोर
मनोज कर्ण
Opportunity definitely knocks but do not know at what point - PiyushGoel
Opportunity definitely knocks but do not know at what point - PiyushGoel
Piyush Goel
जब बचपन में स्कूल की कॉपी में Good या A मिलता था, उसकी ख़ुशी
जब बचपन में स्कूल की कॉपी में Good या A मिलता था, उसकी ख़ुशी
Lokesh Sharma
"मोहब्बत में"
Dr. Kishan tandon kranti
वज़्न ---221 1221 1221 122 बह्र- बहरे हज़ज मुसम्मन अख़रब मक़्फूफ़ मक़्फूफ़ मुखंन्नक सालिम अर्कान-मफ़ऊल मुफ़ाईलु मुफ़ाईलु फ़ऊलुन
वज़्न ---221 1221 1221 122 बह्र- बहरे हज़ज मुसम्मन अख़रब मक़्फूफ़ मक़्फूफ़ मुखंन्नक सालिम अर्कान-मफ़ऊल मुफ़ाईलु मुफ़ाईलु फ़ऊलुन
Neelam Sharma
इस दिवाली …
इस दिवाली …
Rekha Drolia
समझ ना आया
समझ ना आया
Dinesh Kumar Gangwar
प्यार खुद से कभी, तुम करो तो सही।
प्यार खुद से कभी, तुम करो तो सही।
Mamta Gupta
बीमार घर/ (नवगीत)
बीमार घर/ (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
5 लाइन
5 लाइन
Neeraj Agarwal
हाइकु - 1
हाइकु - 1
Sandeep Pande
अगहन कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के
अगहन कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के
Shashi kala vyas
स्वाभिमान
स्वाभिमान
अखिलेश 'अखिल'
मारे गए सब
मारे गए सब "माफिया" थे।
*प्रणय*
एक लड़का,
एक लड़का,
हिमांशु Kulshrestha
*सबके भीतर हो भरा नेह, सब मिलनसार भरपूर रहें (राधेश्यामी छंद
*सबके भीतर हो भरा नेह, सब मिलनसार भरपूर रहें (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
Loading...