बरखा रानी की असीमित कृपा वृष्टि
अरे बरखा रानी ! तूने तो हद कर दी ।
बरस बरस के पूरी नगरी तालाब कर दी ।
अब बस भी कर अभी और कृपा वृष्टि न बरसा ,
तेरी सीमा से अधिक कृपाओ ने ,
हमारी हालत पतली कर दी।
अरे बरखा रानी ! तूने तो हद कर दी ।
बरस बरस के पूरी नगरी तालाब कर दी ।
अब बस भी कर अभी और कृपा वृष्टि न बरसा ,
तेरी सीमा से अधिक कृपाओ ने ,
हमारी हालत पतली कर दी।