शोभा वरनि न जाए, अयोध्या धाम की
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
संवेदनाएं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी।
तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
जो तेरे दिल पर लिखा है एक पल में बता सकती हूं ।
जैसे जैसे उम्र गुज़रे / ज़िन्दगी का रंग उतरे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*स्वामी विवेकानंद* 【कुंडलिया】
"मैं तेरी शरण में आई हूँ"
बेटी परायो धन बताये, पिहर सु ससुराल मे पति थम्माये।
लाइब्रेरी के कौने में, एक लड़का उदास बैठा हैं
💐प्रेम कौतुक-233💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
लक्ष्मी-पूजन का अर्थ है- विकारों से मुक्ति