Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2022 · 1 min read

बदुआ

दुआऐं तो बहुतों ने दी थी हमें,
सदा खुश रहनें की।
ना जाने किसकी एक बदुआ नें
हमारे बीच दरार पैदा की।।
शिव प्रताप लोधी

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 353 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from शिव प्रताप लोधी
View all
You may also like:
गुलाब
गुलाब
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
सीता ढूँढे राम को,
सीता ढूँढे राम को,
sushil sarna
शिक्षा व्यवस्था
शिक्षा व्यवस्था
Anjana banda
कजरी (वर्षा-गीत)
कजरी (वर्षा-गीत)
Shekhar Chandra Mitra
धड़कन की तरह
धड़कन की तरह
Surinder blackpen
किसी से उम्मीद
किसी से उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
मंजिलें
मंजिलें
Mukesh Kumar Sonkar
शून्य से अनन्त
शून्य से अनन्त
The_dk_poetry
आजा माँ आजा
आजा माँ आजा
Basant Bhagawan Roy
Every moment has its own saga
Every moment has its own saga
कुमार
हम शिक्षक
हम शिक्षक
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
चलो मिलते हैं पहाड़ों में,एक खूबसूरत शाम से
चलो मिलते हैं पहाड़ों में,एक खूबसूरत शाम से
पूर्वार्थ
नमन!
नमन!
Shriyansh Gupta
सागर प्रियतम प्रेम भरा है हमको मिलने जाना है।
सागर प्रियतम प्रेम भरा है हमको मिलने जाना है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
#शीर्षक;-ले लो निज अंक मॉं
#शीर्षक;-ले लो निज अंक मॉं
Pratibha Pandey
2537.पूर्णिका
2537.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ज़रूरी है...!!!!
ज़रूरी है...!!!!
Jyoti Khari
कर सकता नहीं ईश्वर भी, माँ की ममता से समता।
कर सकता नहीं ईश्वर भी, माँ की ममता से समता।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"ऐसी कोई रात नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
जाति बनाने वालों काहे बनाई तुमने जाति ?
जाति बनाने वालों काहे बनाई तुमने जाति ?
शेखर सिंह
बेपर्दा लोगों में भी पर्दा होता है बिल्कुल वैसे ही, जैसे हया
बेपर्दा लोगों में भी पर्दा होता है बिल्कुल वैसे ही, जैसे हया
Sanjay ' शून्य'
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जिस पर हँसी के फूल,कभी बिछ जाते थे
जिस पर हँसी के फूल,कभी बिछ जाते थे
Shweta Soni
उसे पता है मुझे तैरना नहीं आता,
उसे पता है मुझे तैरना नहीं आता,
Vishal babu (vishu)
*प्यार या एहसान*
*प्यार या एहसान*
Harminder Kaur
*हूँ कौन मैं*
*हूँ कौन मैं*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
घर बाहर जूझती महिलाएं(A poem for all working women)
घर बाहर जूझती महिलाएं(A poem for all working women)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
एक तरफ चाचा
एक तरफ चाचा
*प्रणय प्रभात*
समय की धारा रोके ना रुकती,
समय की धारा रोके ना रुकती,
Neerja Sharma
मृत्यु शैय्या
मृत्यु शैय्या
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Loading...