Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Apr 2024 · 1 min read

कजरी (वर्षा-गीत)

कवना दूर देश से आके
बदरा बरस गईल
तहरा एगो झलक खातिर
नयना तरस गईल…
(१)
फेर गूंजे लागल बगिया में
पीहू-पीहू के गीत
फेर गूंजे लागल बगिया में
कूहू-कूहू के गीत
एगो टीस उठल जियरा में
हियरा तड़प गईल…
(२)
घास-फूस पेड़-पौधा
सबकुछ हरा-भरा भईल
घास-फूस पेड़-पौधा
सबकुछ हरा-भरा भईल
एगो हूक उठल जियरा में
हियरा तड़प गईल…
(३)
नदी-नाला ताल-पोखरा
चारू ओर पानी भरल
नदी-नाला ताल-पोखरा
चारू ओर पानी भरल
एगो कसक उठल जियरा में
हियरा तड़प गईल…
(४)
सखी-सहेली झूला झूले
मस्ती में कजरी गावे
सखी-सहेली झूला झूले
मस्ती में कजरी गावे
एगो पीर उठल जियरा में
हियरा तड़प गईल…
(५)
याद आवे पहिला मुलाकात
बरखा में भईल जे बात
याद आवे पहिला मुलाकात
बरखा में भईल जे बात
एगो दरद उठल जियरा में
हियरा तड़प गईल…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#rainsong #वर्षा_गीत #विरह
#दर्द_भरा_गीत #सैड_सांग #हूक
#sadsongs #bhojpurisong
#वेदना #पीड़ा #जुदाई #बारिश

Language: Bhojpuri
21 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुजरिम करार जब कोई क़ातिल...
मुजरिम करार जब कोई क़ातिल...
अश्क चिरैयाकोटी
बच्चे पढ़े-लिखे आज के , माँग रहे रोजगार ।
बच्चे पढ़े-लिखे आज के , माँग रहे रोजगार ।
Anil chobisa
श्रीमद्भगवद्‌गीता का सार
श्रीमद्भगवद्‌गीता का सार
Jyoti Khari
नारी है नारायणी
नारी है नारायणी
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
मकर संक्रांति -
मकर संक्रांति -
Raju Gajbhiye
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
वह (कुछ भाव-स्वभाव चित्र)
वह (कुछ भाव-स्वभाव चित्र)
Dr MusafiR BaithA
बाल कविता : काले बादल
बाल कविता : काले बादल
Rajesh Kumar Arjun
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दोस्ती
दोस्ती
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
सपनों का सफर
सपनों का सफर
पूर्वार्थ
दर्द
दर्द
Dr. Seema Varma
रंग तो प्रेम की परिभाषा है
रंग तो प्रेम की परिभाषा है
Dr. Man Mohan Krishna
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—2.
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—2.
कवि रमेशराज
उम्र आते ही ....
उम्र आते ही ....
sushil sarna
आजादी की कहानी
आजादी की कहानी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
यूं ही कुछ लिख दिया था।
यूं ही कुछ लिख दिया था।
Taj Mohammad
हालातों से हारकर दर्द को लब्ज़ो की जुबां दी हैं मैंने।
हालातों से हारकर दर्द को लब्ज़ो की जुबां दी हैं मैंने।
अजहर अली (An Explorer of Life)
Mai apni wasiyat tere nam kar baithi
Mai apni wasiyat tere nam kar baithi
Sakshi Tripathi
2671.*पूर्णिका*
2671.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हम लिखते हैं
हम लिखते हैं
Dr. Kishan tandon kranti
घर छूटा तो बाकी के असबाब भी लेकर क्या करती
घर छूटा तो बाकी के असबाब भी लेकर क्या करती
Shweta Soni
"होना है क्यों हताश ज़रा हट के सोचिए।
*Author प्रणय प्रभात*
* भीतर से रंगीन, शिष्टता ऊपर से पर लादी【हिंदी गजल/ गीति
* भीतर से रंगीन, शिष्टता ऊपर से पर लादी【हिंदी गजल/ गीति
Ravi Prakash
जनक देश है महान
जनक देश है महान
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
The sky longed for the earth, so the clouds set themselves free.
The sky longed for the earth, so the clouds set themselves free.
Manisha Manjari
*उदघोष*
*उदघोष*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
परी
परी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
Buddha Prakash
Loading...