Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Sep 2023 · 2 min read

आज के बच्चों की बदलती दुनिया

आज के बच्चों की बदलती दुनिया
बालपन में बचपन को खोजती दुनिया
लट्टू की थाप पर थिरकती दुनिया को खोजती
पतंग की डोर संग, आसमां छूती दुनिया को टोहती

आज के बच्चों की बदलती दुनिया

कुछ बदरंगी सी , कुछ मटमैली सी
रंगों के अभाव में , बेरंगी होती दुनिया
कागज़ की नाव की तरह तैरती – उतराती दुनिया
कागज़ के प्लेन सी , हवा में गोते लगाती दुनिया

आज के बच्चों की बदलती दुनिया

मोबाइल , टैब और लैपटॉप के इर्दगिर्द घूमती दुनिया
किताबों की खुशबू से परे , टी वी , मोबाइल को जिन्दगी समझती दुनिया
कंचों की खनखन का अभाव झेलती दुनिया
सांप – सीढ़ी पर तालियों की गूँज का अभाव झेलती दुनिया

आज के बच्चों की बदलती दुनिया

वो बारिश में भीगने के लुत्फ़ से महरूम दुनिया
वो चीटीधप के साथ , क़दमों को टटोलती दुनिया
वो छुपन छुपाई के खेल में मिलने वाले आनंद से महरूम दुनिया
आज के यंत्रजालों में उलझकर रह गयी दुनिया

आज के बच्चों की बदलती दुनिया

वो मंदिर की घंटी की ताल पर दौड़ता बचपन
वो बेर के पेड़ की छाँव को तरसता बचपन
माँ की लोरियों के अभाव से जूझता बचपन
वो दादा – दादी की कहानियों को तरसता बचपन

आज के बच्चों की बदलती दुनिया

क्यूं कर न फिर से रोशन हो जाये सब
वो सत्तर व अस्सी के दशक की बाल दुनिया
क्यूं कर न फिर से विश्वास लबरेज हो जाए ये दुनिया
क्यूँ न फिर से गली – मोहल्ले की रौनक हो जाए ये दुनिया

आज के बच्चों की बदलती दुनिया

पतंगों की उड़ान से रोशन हो जाए आसमां
कंचों की खनक से , फिर से रोशन हो जाए गलियाँ
बचपन अपने बालपन को न तरसे फिर से
माँ की लोरियों , दादा – दादी की कहानियों से संवर जाए ये दुनिया

आज के बच्चों की बदलती दुनिया

3 Likes · 124 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all
You may also like:
गुरु नानक देव जी --
गुरु नानक देव जी --
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
यारों का यार भगतसिंह
यारों का यार भगतसिंह
Shekhar Chandra Mitra
होली के मजे अब कुछ खास नही
होली के मजे अब कुछ खास नही
Rituraj shivem verma
Line.....!
Line.....!
Vicky Purohit
मुझे बदनाम करने की कोशिश में लगा है.........,
मुझे बदनाम करने की कोशिश में लगा है.........,
कवि दीपक बवेजा
जब दिल ही उससे जा लगा..!
जब दिल ही उससे जा लगा..!
SPK Sachin Lodhi
* सत्य,
* सत्य,"मीठा या कड़वा" *
मनोज कर्ण
मुश्किल है कितना
मुश्किल है कितना
Swami Ganganiya
हमारे पास हार मानने के सभी कारण थे, लेकिन फिर भी हमने एक-दूस
हमारे पास हार मानने के सभी कारण थे, लेकिन फिर भी हमने एक-दूस
पूर्वार्थ
अब किसी से
अब किसी से
Dr fauzia Naseem shad
फादर्स डे ( Father's Day )
फादर्स डे ( Father's Day )
Atul "Krishn"
एकाकी
एकाकी
Dr.Pratibha Prakash
दोहा पंचक. . . नारी
दोहा पंचक. . . नारी
sushil sarna
धीरे धीरे
धीरे धीरे
रवि शंकर साह
अनचाहे अपराध व प्रायश्चित
अनचाहे अपराध व प्रायश्चित
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
हर बार बिखर कर खुद को
हर बार बिखर कर खुद को
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
जीवनसाथी
जीवनसाथी
Rajni kapoor
"द्वंद"
Saransh Singh 'Priyam'
23/11.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/11.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बाल कविता : काले बादल
बाल कविता : काले बादल
Rajesh Kumar Arjun
इतना तो करम है कि मुझे याद नहीं है
इतना तो करम है कि मुझे याद नहीं है
Shweta Soni
चुपके से चले गये तुम
चुपके से चले गये तुम
Surinder blackpen
You have climbed too hard to go back to the heights. Never g
You have climbed too hard to go back to the heights. Never g
Manisha Manjari
💐प्रेम कौतुक-463💐
💐प्रेम कौतुक-463💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रूपमाला
रूपमाला
डॉ.सीमा अग्रवाल
"पहले मुझे लगता था कि मैं बिका नही इसलिए सस्ता हूँ
दुष्यन्त 'बाबा'
जब सब्र आ जाये तो....
जब सब्र आ जाये तो....
shabina. Naaz
मातृशक्ति को नमन
मातृशक्ति को नमन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अपना - पराया
अपना - पराया
Neeraj Agarwal
Loading...