बदनसीब डायरी
एक बदनसीब डायरी
जिस पर कभी
लिखा ही नहीं गया
सालों से,
आई नहीं कभी वह
उजालों में।
लेकिन
वह कोरी भी नहीं,
मगर
छुअन झेली भी नहीं।
पहले ही पन्ने पर
इबारत है अधूरी,
पता नहीं
वह भी कब होगी पूरी?
डॉ किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
बेस्ट पोएट ऑफ दि ईयर।