Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jun 2024 · 1 min read

बढ़ता चल

बढ़ता चल
जीवन है जंग तू लड़ता चल,
हर कदम आगे बढ़ता चल।
रोक सकेंगी न राह कोई बाधा,
तूफानों सा बेरोक तू बहता चल।
ये मंजिल भी देखती है डगर तेरी,
नित हौसलों का सोपान चढ़ता चल।
मुश्किलों में न कभी घबराना प्यारे
नव-नव आविष्कार गढ़़ता चल।
थक न जाना कभी भी हार के,
संकल्पों की उड़ान भरता चल।
हालात रख निज अनुकूल तुम,
वक्त कैसा भी हो पढ़ता चल।
सपने सारे सच में, सच हो जायेंगे,
मात्र मेहनत से मित्रता करता चल।

1 Like · 49 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मिलती है मंजिले उनको जिनके इरादो में दम होता है .
मिलती है मंजिले उनको जिनके इरादो में दम होता है .
Sumer sinh
★ किताबें दीपक की★
★ किताबें दीपक की★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
मिसाल
मिसाल
Kanchan Khanna
*बुरे फँसे सहायता लेकर 【हास्य व्यंग्य】*
*बुरे फँसे सहायता लेकर 【हास्य व्यंग्य】*
Ravi Prakash
आजादी की कहानी
आजादी की कहानी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
In the middle of the sunflower farm
In the middle of the sunflower farm
Sidhartha Mishra
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय प्रभात*
*किसान*
*किसान*
Dushyant Kumar
सदविचार
सदविचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कलम लिख दे।
कलम लिख दे।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
अतीत के पन्ने (कविता)
अतीत के पन्ने (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
शुभम दुष्यंत राणा shubham dushyant rana ने हितग्राही कार्ड अभियान के तहत शासन की योजनाओं को लेकर जनता से ली राय
शुभम दुष्यंत राणा shubham dushyant rana ने हितग्राही कार्ड अभियान के तहत शासन की योजनाओं को लेकर जनता से ली राय
Bramhastra sahityapedia
धीरे धीरे
धीरे धीरे
रवि शंकर साह
खत
खत
Punam Pande
हे राम हृदय में आ जाओ
हे राम हृदय में आ जाओ
Saraswati Bajpai
मां तुम्हारा जाना
मां तुम्हारा जाना
अनिल कुमार निश्छल
विश्वास
विश्वास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"लबालब समन्दर"
Dr. Kishan tandon kranti
ख़ुदा बताया करती थी
ख़ुदा बताया करती थी
Madhuyanka Raj
कहां  गए  वे   खद्दर  धारी  आंसू   सदा   बहाने  वाले।
कहां गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
* इस धरा को *
* इस धरा को *
surenderpal vaidya
Game of the time
Game of the time
Mangilal 713
चुनिंदा अश'आर
चुनिंदा अश'आर
Dr fauzia Naseem shad
नंगा चालीसा [ रमेशराज ]
नंगा चालीसा [ रमेशराज ]
कवि रमेशराज
आप सच बताइयेगा
आप सच बताइयेगा
शेखर सिंह
जख्म पाने के लिए ---------
जख्म पाने के लिए ---------
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
​दग़ा भी उसने
​दग़ा भी उसने
Atul "Krishn"
चमन यह अपना, वतन यह अपना
चमन यह अपना, वतन यह अपना
gurudeenverma198
ज़िंदगी, ज़िंदगी ढूंढने में ही निकल जाती है,
ज़िंदगी, ज़िंदगी ढूंढने में ही निकल जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जन्म गाथा
जन्म गाथा
विजय कुमार अग्रवाल
Loading...