एकांत बनाम एकाकीपन
एकांत बनाम एकाकीपन
संग साथ की मौज और मस्ती
छुप गयी कंही, कर आहत मन
लंबी हो गयी लाकडाउन की छुट्टी
खल खल जाए एकाकीपन
बाम चीक बम बाम चीक
बम बाम चीक बम, बम बम बम
सैर सपाटा मित्रो के संग
हल्की फुलकी गप्प चुहल
कार्य भार का भार विलोपित
डर बाॅस डांट की डांट विकल
बाम चीक बम बाम चीक
बम बाम चीक बम, बम बम बम
पेड निहारो फल फूल चुनलो
आसमान के तारे गिनलो
लेटे बैठे वजन बढाते
धसते सोफो के नाप करलो
बाम चीक बम बाम चीक
बम बाम चीक बम, बम बम बम
खुद से खुद का संवाद नेक हो
स्वयं खोज का प्रयास नेक हो
एकांतवास उपहार मिला जो
एकाकीपन से व्यर्थ नष्ट ना हो
बाम चीक बम बाम चीक
बम बाम चीक बम, बम बम बम
समय सदा ही चलता जाय
नए रूप दिखलाता जाए
सुख हो दुख हो कैसा भी हो
वक्त सदा यह बीत ही जाए
बाम चीक बम बाम चीक
बम बाम चीक बम, बम बम बम
संदीप पांडे “शिष्य “