Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2024 · 1 min read

बचपन

ये जो हंसता हुआ पल है
ये बचपन की बात है
यहां सच्चाई है और जुड़े हुए जज़्बात है

पिता अपने बच्चें के साथ बच्चा बन जाता है
रोज नई राह दिखाते और चलना सिखाता है
अपने सपनों का स्वरूप देखते हैं अपने बच्चों में
और जीवन के सरल कठिन सबक सिखाता है

कितना प्यारा है ये बचपन
यहां कोई दिखावे का शोर नहीं है
बच्चे होते हैं मन के सच्चे
इनके अंदर कोई चोर नहीं है

खेलते हैं कूदते है, ये दुनिया को रंगीन बनाते हैं
ये जो होते हैं बचपन के मज़े
हर उम्र में खुशी ही ले आते हैं

पिता अपने कंधे पर बिठाकर
दुनिया के तौर तरीके समझाता है
वो तो अपने बच्चे को अपने से आगे बढ़ना सिखाता है

शुरूआत होती है बचपन से ही
रोज़ सफलता की कहानी सुनाते हैं
देखकर अपने बच्चे की खिलखिलाहट सारी थकान भूल जाते है
ये बचपन के मज़े सबको गुदगुदाते है।

रेखा खिंची ✍️✍️

Language: Hindi
97 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उठ जाग मेरे मानस
उठ जाग मेरे मानस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का
डॉ० रोहित कौशिक
अनुभूत सत्य .....
अनुभूत सत्य .....
विमला महरिया मौज
*** पुद्दुचेरी की सागर लहरें...! ***
*** पुद्दुचेरी की सागर लहरें...! ***
VEDANTA PATEL
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
ख़ान इशरत परवेज़
3233.*पूर्णिका*
3233.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल:- रोशनी देता है सूरज को शरारा करके...
ग़ज़ल:- रोशनी देता है सूरज को शरारा करके...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
हिंदुत्व - जीवन का आधार
हिंदुत्व - जीवन का आधार
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मैने थोडी देर कर दी,तब तक खुदा ने कायनात बाँट दी।
मैने थोडी देर कर दी,तब तक खुदा ने कायनात बाँट दी।
Ashwini sharma
,,,,,,,,,,?
,,,,,,,,,,?
शेखर सिंह
✍️ मसला क्यूँ है ?✍️
✍️ मसला क्यूँ है ?✍️
'अशांत' शेखर
चुप्पी
चुप्पी
डी. के. निवातिया
*घड़ी दिखाई (बाल कविता)*
*घड़ी दिखाई (बाल कविता)*
Ravi Prakash
बुंदेली दोहे- रमतूला
बुंदेली दोहे- रमतूला
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"एहसासों के दामन में तुम्हारी यादों की लाश पड़ी है,
Aman Kumar Holy
बूढ़ी मां
बूढ़ी मां
Sûrëkhâ
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
उन से कहना था
उन से कहना था
हिमांशु Kulshrestha
क्या हुआ गर तू है अकेला इस जहां में
क्या हुआ गर तू है अकेला इस जहां में
gurudeenverma198
"सच का टुकड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
अरमान
अरमान
Kanchan Khanna
तेरा एहसास
तेरा एहसास
Dr fauzia Naseem shad
दोस्ती गहरी रही
दोस्ती गहरी रही
Rashmi Sanjay
'ਸਾਜਿਸ਼'
'ਸਾਜਿਸ਼'
विनोद सिल्ला
सीख (नील पदम् के दोहे)
सीख (नील पदम् के दोहे)
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"दस ढीठों ने ताक़त दे दी,
*प्रणय प्रभात*
सुबह की चाय मिलाती हैं
सुबह की चाय मिलाती हैं
Neeraj Agarwal
अगर दुनिया में लाये हो तो कुछ अरमान भी देना।
अगर दुनिया में लाये हो तो कुछ अरमान भी देना।
Rajendra Kushwaha
दौर - ए - कश्मकश
दौर - ए - कश्मकश
Shyam Sundar Subramanian
यूँ तो इस पूरी क़ायनात मे यकीनन माँ जैसा कोई किरदार नहीं हो
यूँ तो इस पूरी क़ायनात मे यकीनन माँ जैसा कोई किरदार नहीं हो
पूर्वार्थ
Loading...