Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2019 · 1 min read

बचपन दी फ्रेंड

इक कुड़ी हुस्न दी पटारी सी
लगदी जानो वध प्यारी सी
मुखड़ा सी सुर्ख गुलाब जेहा
रूप सारे जग तो वखरा सी
गलतफहमी दा शिकार होके
मैं खो ता फ्रेंड पक्का सी

निकड़ी उम्र विच हो के कट्ठे
कटे दिन सी बचपन दे कट्ठे
झगड़े सुलाहियां रुस मनाईयां
बन गए सी असी फ्रेंड पक्के
रेत दे कोठे ढाह बना के
कितियां पास दस जमाता सी
गलतफहमी……………. …

जद मस्त जवानी छान लगी सी
थोड़ा थोड़ा ओह शर्मान लगी सी
हँस हँस के निविया़ पौण लगी सी
मेरी जान सूली ते आन खड़ी सी
नजरां नशीलियां मन मोहणियां ने
दिल ते कित्ते बड़े वार अवल्ले नी
गलतफहमी…………………..

कित्ते सी पक्के कोल करार असीं
इक दूजे नाल व्याह करवावन दे
फ्रेंडशिप दियां गुढिया सांझा नूं
जिंदगी विच मिल के हंडावन दे
जोश जवानी दे विच आ के
अचानक खा लेया धोखा सी
गलतफहमी……………….

अज वी कर दा वेट दुखी मन
जिन्दगी विच वापिस आवण दी
गलतफहमी दा कर के सफाया
मुड़ के द्वारा इक हो जावन दी
सुखविंद्र खेड़ी वाला करदा
रो रो नित मिन्नता़ अरदासां नी
गलतफहमी……………………

सुखविंद्र सिंह मनसीरत

Language: Hindi
207 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

विजय दशमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
विजय दशमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
Sonam Puneet Dubey
शराब का इतिहास
शराब का इतिहास
कवि आलम सिंह गुर्जर
ईश्वर में आसक्ति मोक्ष है
ईश्वर में आसक्ति मोक्ष है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
माँ - सम्पूर्ण संसार
माँ - सम्पूर्ण संसार
Savitri Dhayal
कुछ हल्का हो लें
कुछ हल्का हो लें
Jyoti Roshni
कलमकार का दर्द
कलमकार का दर्द
RAMESH SHARMA
ज़िंदगी है,
ज़िंदगी है,
पूर्वार्थ
इस क़दर
इस क़दर
Dr fauzia Naseem shad
Falling Out Of Love
Falling Out Of Love
Vedha Singh
‘ विरोधरस ‘---6. || विरोधरस के उद्दीपन विभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---6. || विरोधरस के उद्दीपन विभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
जोर जवानी चुटकी में।
जोर जवानी चुटकी में।
Kumar Kalhans
I love you Maa
I love you Maa
Arghyadeep Chakraborty
रामसापीर
रामसापीर
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
कामय़ाबी
कामय़ाबी
Shyam Sundar Subramanian
कन्हैया आओ भादों में (भक्ति गीतिका)
कन्हैया आओ भादों में (भक्ति गीतिका)
Ravi Prakash
ना कर नज़रंदाज़ देखकर मेरी शख्सियत को, हिस्सा हूं उस वक्त का
ना कर नज़रंदाज़ देखकर मेरी शख्सियत को, हिस्सा हूं उस वक्त का
SUDESH KUMAR
हुस्न उनका न कभी...
हुस्न उनका न कभी...
आकाश महेशपुरी
#जब से भुले द्वार तुम्हारे
#जब से भुले द्वार तुम्हारे
Radheshyam Khatik
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"राबता" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"हमने पाई है आजादी प्राणों की आहुति देकर"
राकेश चौरसिया
कंचन प्यार
कंचन प्यार
Rambali Mishra
■ लोकतंत्र की जय।
■ लोकतंत्र की जय।
*प्रणय*
तिलक लगाया माथ पर,
तिलक लगाया माथ पर,
sushil sarna
टूट जाता कमजोर, लड़ता है हिम्मतवाला
टूट जाता कमजोर, लड़ता है हिम्मतवाला
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
4458.*पूर्णिका*
4458.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वह ख़्वाबों वाली लड़की
वह ख़्वाबों वाली लड़की
Shekhar Chandra Mitra
जो संस्कार अपने क़ानून तोड़ देते है,
जो संस्कार अपने क़ानून तोड़ देते है,
शेखर सिंह
Loading...