फूल
तोड़ लिया माली ने
देव पे दिया चढ़ाए
फेंका नहीं क्यों उस पथ
जिस पथ वीर जाए ।
कुचला जाता मसला जाता
लेता वीरों की चरण धुली
गजरा माला में गूँथा जाऊं
जिन्दगी इस लिए मिली ?
तोड़ लिया माली ने
देव पे दिया चढ़ाए
फेंका नहीं क्यों उस पथ
जिस पथ वीर जाए ।
कुचला जाता मसला जाता
लेता वीरों की चरण धुली
गजरा माला में गूँथा जाऊं
जिन्दगी इस लिए मिली ?