फूल से कोमल मन
फूल से कोमल मन
काँच से नाजुक मन
मन से कोमल एहसास
एहसास से नाजुक आश
एहसास से ही मन खिल उठे
एहसास हुआ दिल बिखर गये
एहसासों से ही आश जगे
एहसासों से कोई खास लगे
जब आश निराश में बदल गई
फिर सारी दुनियां झूठी लगे…..
(स्वरचित मौलिक रचना)
M.Tiwari”Ayan”