Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2024 · 1 min read

तरुण

तरुण वह जो भाल पर लिख दे विजय।
शरम से ऑंखें झुकाता है प्रलय।
जाग, सद्नायक बने औ बना दे।
राष्ट्र-तम पर अरुण-आभा का निलय।

जाग जाएं जन,तभी बलवान बन।
राष्ट्र छूले व्योम विकसित भानु-सम।
धरा तब आनंदमय अति हर्ष है।
प्रेममय दिखता तरुण जब ज्ञान बन।

तरुण जाग जाए स्वराष्ट्र का,तब ही तो सचमुच विकास है।
जन जन के बंधुत्वरूप का उच्चभाल उर का प्रकाश है।
उच्च सजगता का सु वास सह दिव्य प्रेम की सबल साधना,
के बल से ही विश्वभूमि पर, आर्य देश ज्ञानी अकाश है।

पं बृजेश कुमार नायक

100 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak
View all
You may also like:
जो चाहो यदि वह मिले,
जो चाहो यदि वह मिले,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
💐प्रेम कौतुक-530💐
💐प्रेम कौतुक-530💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बड़ा मुश्किल है ये लम्हे,पल और दिन गुजारना
बड़ा मुश्किल है ये लम्हे,पल और दिन गुजारना
'अशांत' शेखर
****भाई दूज****
****भाई दूज****
Kavita Chouhan
जी रही हूँ
जी रही हूँ
Pratibha Pandey
स्त्रियां पुरुषों से क्या चाहती हैं?
स्त्रियां पुरुषों से क्या चाहती हैं?
अभिषेक किसनराव रेठे
"कवि"
Dr. Kishan tandon kranti
आपकी सोच जैसी होगी
आपकी सोच जैसी होगी
Dr fauzia Naseem shad
परिवर्तन
परिवर्तन
विनोद सिल्ला
शुभम दुष्यंत राणा Shubham Dushyant Rana जिनका जीवन समर्पित है जनसेवा के लिए आखिर कौन है शुभम दुष्यंत राणा Shubham Dushyant Rana ?
शुभम दुष्यंत राणा Shubham Dushyant Rana जिनका जीवन समर्पित है जनसेवा के लिए आखिर कौन है शुभम दुष्यंत राणा Shubham Dushyant Rana ?
Bramhastra sahityapedia
दोस्ती...
दोस्ती...
Srishty Bansal
तुम से सिर्फ इतनी- सी इंतजा है कि -
तुम से सिर्फ इतनी- सी इंतजा है कि -
लक्ष्मी सिंह
जिसका मिज़ाज़ सच में, हर एक से जुदा है,
जिसका मिज़ाज़ सच में, हर एक से जुदा है,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
परेड में पीछे मुड़ बोलते ही,
परेड में पीछे मुड़ बोलते ही,
नेताम आर सी
गणेश चतुर्थी
गणेश चतुर्थी
Surinder blackpen
हम हैं कक्षा साथी
हम हैं कक्षा साथी
Dr MusafiR BaithA
ज़माने की निगाहों से कैसे तुझपे एतबार करु।
ज़माने की निगाहों से कैसे तुझपे एतबार करु।
Phool gufran
बीज और बच्चे
बीज और बच्चे
Manu Vashistha
You can't AFFORD me
You can't AFFORD me
Vandana maurya
मन मर्जी के गीत हैं,
मन मर्जी के गीत हैं,
sushil sarna
हमसाया
हमसाया
Manisha Manjari
नेता या अभिनेता
नेता या अभिनेता
Shekhar Chandra Mitra
2695.*पूर्णिका*
2695.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
महान गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस की काव्यमय जीवनी (पुस्तक-समीक्षा)
महान गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस की काव्यमय जीवनी (पुस्तक-समीक्षा)
Ravi Prakash
Whenever My Heart finds Solitude
Whenever My Heart finds Solitude
कुमार
उदयमान सूरज साक्षी है ,
उदयमान सूरज साक्षी है ,
Vivek Mishra
मन के घाव
मन के घाव
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
राष्ट्रपिता
राष्ट्रपिता
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
आँख खुलते ही हमे उसकी सख़्त ज़रूरत होती है
आँख खुलते ही हमे उसकी सख़्त ज़रूरत होती है
KAJAL NAGAR
■ काम की बात
■ काम की बात
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...