Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2019 · 1 min read

फूल सी नाजुक बेटियाँ

फूल सी नाजुक मासूम होती हैं बेटियाँ
कायनात पर नियामत होती है बेटियाँ

संवेदनशील होता है स्वभाव निराला
संयमित मान मर्यादित होती है बेटियाँ

बेटों सी नहीं मिलती आजादी जीने की
बंदिशों की बेड़ियों मे जकड़ी हैं बेटियाँ

अवसर नहीं मिलता कभी आगे बढने का
बेटों से कहीं कम नहीं होती हैं बेटियाँ

आन बान और शान की प्रतिक होती हैं
घर आंगन का हार श्रृँगार होती हैं बेटियाँ

हर रिश्ते में पुरुषों का सदा रौब हैं सहती
माँ,बहन,पत्नी,बेटी रूप होती हैं बेटियाँ

गिद्ध सी बुरी नर नजर सदैव हैं रखते
फिर भी दोषी सदा ठहराई जाती हैं बेटियाँ

ईज्जत से सदा खेलता है मानव पौरुष
ईज्जत की प्रहरी मानी जाती हैं बेटियाँ

बेटी बचाओ बेटी पढाओ है अभियान चलाया
फिर भी गर्भ के अन्दर मारी जाती हैं बेटियाँ

नारी महोत्सव पर जो जन सम्मानित करते
एकान्त मे उन्हीं का शिकार बनती हैं बेटियाँ

कब तक जहाँ में बेटी जुल्मोसितम सहेंगी
कब सुख चैन स्वतंत्र सांस लेंगी ये बेटियाँ

कहते हैं जमाना बहुत बदल गया सुख
अब भी मनोरंजक साधन होती हैं बेटियाँ

दरिंदों की बुरी नजर से बच नहीं पाती
दरिंदगी का शिकार सदा होती हैं बेटियाँ

औरत ही औरत की यहाँ दुश्मन बन बैठी
दहेज की आग में जलाई जाती हैं बेटियाँ

मायके ससुराल में सभी का ख्याल रखती
फिर क्यों पराया धन कहलाती हैं बेटियाँ

फूल सी नाजुक मासूम होती हैं बेटियाँ
कायनात पर नियामत होती हैं बेटियाँ

सुखविंद्र सिंह मनसीरत

Language: Hindi
1 Like · 252 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बरसात
बरसात
Swami Ganganiya
गर्व की बात
गर्व की बात
Er. Sanjay Shrivastava
भूल गई
भूल गई
Pratibha Pandey
हे अल्लाह मेरे परवरदिगार
हे अल्लाह मेरे परवरदिगार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सुबह की चाय हम सभी पीते हैं
सुबह की चाय हम सभी पीते हैं
Neeraj Agarwal
दिसम्बर की सर्द शाम में
दिसम्बर की सर्द शाम में
Dr fauzia Naseem shad
बाबा मुझे पढ़ने दो ना।
बाबा मुझे पढ़ने दो ना।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
"उपकार"
Dr. Kishan tandon kranti
मदनोत्सव
मदनोत्सव
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
अगर मैं अपनी बात कहूँ
अगर मैं अपनी बात कहूँ
ruby kumari
ये जो तुम कुछ कहते नहीं कमाल करते हो
ये जो तुम कुछ कहते नहीं कमाल करते हो
Ajay Mishra
हे प्रभू !
हे प्रभू !
Shivkumar Bilagrami
कुछ एक आशू, कुछ एक आखों में होगा,
कुछ एक आशू, कुछ एक आखों में होगा,
goutam shaw
फूल से आशिकी का हुनर सीख ले
फूल से आशिकी का हुनर सीख ले
Surinder blackpen
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
Atul "Krishn"
होंठ को छू लेता है सबसे पहले कुल्हड़
होंठ को छू लेता है सबसे पहले कुल्हड़
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अज्ञानी की कलम
अज्ञानी की कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
नारी के सोलह श्रृंगार
नारी के सोलह श्रृंगार
Dr. Vaishali Verma
आहाँ अपन किछु कहैत रहू ,आहाँ अपन किछु लिखइत रहू !
आहाँ अपन किछु कहैत रहू ,आहाँ अपन किछु लिखइत रहू !
DrLakshman Jha Parimal
आई लो बरसात है, मौसम में आह्लाद (कुंडलिया)
आई लो बरसात है, मौसम में आह्लाद (कुंडलिया)
Ravi Prakash
धारण कर सत् कोयल के गुण
धारण कर सत् कोयल के गुण
Pt. Brajesh Kumar Nayak
धाराओं में वक़्त की, वक़्त भी बहता जाएगा।
धाराओं में वक़्त की, वक़्त भी बहता जाएगा।
Manisha Manjari
*मेरा वोट मेरा अधिकार (दोहे)*
*मेरा वोट मेरा अधिकार (दोहे)*
Rituraj shivem verma
दिल आइना
दिल आइना
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जुदाई की शाम
जुदाई की शाम
Shekhar Chandra Mitra
💐प्रेम कौतुक-389💐
💐प्रेम कौतुक-389💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सकारात्मक सोच
सकारात्मक सोच
Neelam Sharma
🙅परिभाषा🙅
🙅परिभाषा🙅
*Author प्रणय प्रभात*
(20) सजर #
(20) सजर #
Kishore Nigam
हिन्दी पर नाज है !
हिन्दी पर नाज है !
Om Prakash Nautiyal
Loading...