फूलों ने मिलने की इच्छा जारी की,
फूलों ने मिलने की इच्छा जारी की,
भंवरे ने भी मिलने की तैयारी की |
जब से उसने दिल में आना छोड़ा है
हमने भी दिल की चारदीवारी की ||
हमने जिसको दिल से यार बनाया
फिर नहीं हमने उससे गद्दारी की |
जब से दिल के टुकड़े हमने देखे हैं,
नहीं हमने किसी और से यारी की |
जब उससे मिलने की तैयारी की,
उसकी खुशबू खुद पर कारी की |
वह प्यार का मतलब क्या समझा,
जिसने हर फूल पर मुंह मारी की ||
✍कवि दीपक सरल